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सुपरवाइजरों के सहारे चल रहा है बरेली विकास प्राधिकरण, लगा रहे लाखों का चूना

भूमाफियाओं से मिलकर काट रहे चांदी,खडी कर ली अपनी इमारते

ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता 

 

 बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण में अधिकारियों के सांठ गाँठ के चलते अवैध रूप से वनी कालोनियों मे अवैध निर्माण का धंधा फलफूल रहा है तथा अपने निजी लाभ को लेकर बरेली विकास प्राधिकरण को लाखो का चूना लग रहा हैं । बरेली विकास प्राधिकरण में जेई की संख्या कम होने के कारण अवैध निर्माण का धंधा जोरो से चल रहा है तथा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफिया अवैध कालोनियों मे अवैध निर्माण लगातार‌ बेखौफ होकर कर रहे हैं।

जबकि अवैध निर्माण की तमाम शिकायतें प्राधिकरण के अधिकारियों के पास आने के बाबजूद भी अवैध निर्माण बंद होने का नाम नहीं ले रहा हैं। जिससे बीडीए को प्रति बर्ष करोडो का चूना लग रहा है। तथा अपने निजी लाभ के कारण जिम्मेवार भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने से कतराते हैं । रह बची कसर बरेली विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजरो के द्वारा पूरी कर दी जाती है। सुपरवाइजर अवैध कालोनियों मे अवैध‌ निर्माण कराने में जुटे हुए हैं तथा अपनी जेबें भर रहे है। जिससे बरेली विकास प्राधिकरण को राजस्व की हानि तो हो ही रही है वहीं दूसरी ओर भू माफिया आम जनता को छलने का भी काम बडे बखूबी से कर रहे हैं। वीडीए के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण मे शहर भर मे तमाम ऐसी जगह है जहां पर अवैध निर्माण जारी  है मगर जिम्मेवारो को वह दिखाई नही देता है। जिसमें थाना बारादरी, थाना किला संजय नगर, फाइक एंक्लेव कॉलोनी, सिटी माल गोदाम रोड ,सिटी शमशान रोड, बाकरगंज, आला हजरत हॉस्पिटल, सिविल लाइंस, स्टेशन रोड़,डेलापीर, आदि अन्य जगहों पर भी अवैध निर्माण जोरो से कराया जा रहा है।

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सूत्रों ने बताया कि वीडीए के जेई व सुपरवाइजरों की आपसी मिलीभगत व सांठ गांठ के चलते ही शहर भर में अवैध निर्माणों को कराया जा रहा है। जिससे वह अपनी जेबें भरकर मालामाल हो रहे है तो वही प्राधिकरण को हर बर्ष करोडो़ं का चूना लग रहा है। बताते चले कि कि योगी सरकार अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के कारण भूमाफियाओं को जमीदोज कर जमीन मे मिलाने का कार्य कर रही है तो वही कुछ राजनीतिक संरक्षक प्राप्त भूमाफिया जेई व सुपरवाइजर्स से मिलकर सरकार की नीतियों पर पलीता लगाने से बाज नही आ रहे हैं। जबकि बरेली विकास प्राधिकरण से सुपरवाइजर तनख्वाह किस बात की ले रहे है जबकि वह अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने मे पूरी तरीके से नाकाम है तथा अवैध निर्माण से आलाधिकारियों को अवगत कराने के वजाय चंद रंग-बिरंगे कागज के टुकड़ों के खातिर अपना ईमान बेच रहे हैं। अब देखना यह है कि इन अवैध निर्माणों करने व करवाने वालो पर आलाधिकारी क्या कार्रवाई अमल में लाते हैं। या फिर यह खबर  एक स्टोरी वन कर रह जायेगी।।

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