प्रतिष्ठित बालगंधर्व अकादमी द्वारा ” राष्ट्रीय बालगंधर्व कला महोत्सव 2025 का प्रथम पर्व उत्साह के साथ संपन्न
"कलाकार बनना आसान है, लेकिन कला को समाज और संस्कृति की सेवा में लगाना ही सच्ची साधना है" - किशोर कुमार

ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
बरेली। किसी भी समाज की पहचान उसकी कलात्मकता एवं अभिव्यक्ती से होती है यही सांस्कृतिक सभ्यता अखंड भारत में जिवित एवं संरक्षित कर भारतवर्ष का जानामाना सर्वोच्च प्रतिष्ठित संस्थान एवं राष्ट्रीय मंच “बालगंधर्व कला अकादमी परिवार, मुंबई द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में आयोजित “राष्ट्रीय बालगंधर्व कला महोत्सव 2025 का उत्तरप्रदेश” में सफलतापूर्वक आयोजन 2 और 3 मई को सिटी ऑफ झुमका, बरेली में बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय महोत्सव में बरेली क्षेत्र के लगभग सभी विभिन्न स्कूलों के भारी मात्रा में प्रतिभावान छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
*महिला सशक्तिकरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता: किशोर कुमार का जीवन केवल कला को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे इसे महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत हथियार भी मानते हैं। उन्होंने मनोरंजन उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और अधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उनका कहना है: “यदि महिलाओं को सही अवसर और सुरक्षित वातावरण मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।” इसी सोच के साथ उन्होंने महिला कलाकारों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए, जिनके माध्यम से वे आत्मरक्षा, आत्मविश्वास और स्वतंत्र पहचान बनाने की कला सीखती हैं। उनकी संस्था में महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि, सेफ्टी ट्रेनिंग, फ्री स्कॉलरशिप, मानसिक और कानूनी सहायता, रोजगार के बेहतर अवसर इसी कारण आज बालगंधर्व अकादमी महिला कलाकारों के लिए सबसे सुरक्षित और सम्मानजनक प्रशिक्षण संस्थानों में से एक बन चुकी है। किशोर कुमार के प्रेरणादायक शब्द, नई पीढ़ी को मार्गदर्शन: समारोह में बोलते हुए किशोर कुमार ने कहा: “यह अकादमी केवल हमारी नहीं है, यह उन सभी कलाकारों की है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कला केवल चमक-दमक नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है।”*उन्होंने युवा कलाकारों को संदेश देते हुए कहा:”संघर्ष से घबराएँ नहीं, क्योंकि मेहनत और लगन से ही सफलता की ऊँचाइयाँ छूई जा सकती हैं। अगर आप सच्चे मन से कला के प्रति समर्पित हैं, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी।”
प्रतियोगिताओं में मॉडलिंग, नृत्य, चित्रकला, रेखाचित्रण, रंगोली और मेहंदी जैसी विविध कलाओं को शामिल किया गया, जहाँ बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और कला-प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। जिसमें 150 से ज्यादा विद्यार्थी, कलाकारों एवं सहभागींयों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। सभी प्रतिभागियों को अकादमी परिवार की और से सम्मानचिन्ह, सम्मानपत्र, पदक मेडल और ट्रॉफी प्रदान कर यथोचित सम्मानित किया गया। सभी जितने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय की ट्रॉफी प्रदान की गई और पूरे महोत्सव का परफॉर्मर ऑफ द डे भी निकाले गए । महोत्सव के विशेष अतिथि अकादमी परिवार के डायरेक्टर, बालगंधर्व अकादमी की टीम, INSd की डायरेक्टर मिस शिवानी बेदी, मिस जूही गुप्ता रहीं, जबकि निर्णायक मंडल में मिस शुभी गुप्ता (ज्यूरी), लोटस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन, डायरेक्टर शामिल रहे। प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मिस्टर अंशुल परासरी, और मेकअप आर्टिस्ट्स हुमा खान, हया खान, तान्या सिंह, शीतल सिंह, मासूम मुरादाबादी, सलमान सैम शामिल रहे। इस आयोजन को सफल बनाने में मीडिया पार्टनर्स की भी अहम भूमिका रही। इस प्रतियोगिता में विशेष रुप से शामिल एस आर इंटरनेशनल, राधा माधव, जी आर एम, जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर, सक्रेड हार्ट्स, माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल जैसे कई अन्य कई बड़े बड़े स्कूलों का सहयोग रहा। बालगंधर्व कला अकादमी के प्रबंध निदेशक सम्माननीय किशोर कुमार ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य बच्चों को मंच प्रदान कर उनकी कला प्रतिभा को निखारना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। हमारी संस्था भारत की सर्वश्रेष्ठ, सबसे विश्वसनीय और सबसे प्रतिष्ठित संस्था है, जो फिल्म, थिएटर और प्रदर्शन कला में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।” कार्यक्रम के अंत में अकादमी की ओर से सभी अतिथियों का सम्मान किया गया यह आयोजन स्थानिक संस्थान लोटस कॉलेज में संपन्न हुआ, साथ ही आयोजन में विशेष भुमिका निभाई और भविष्य में इस महोत्सव को और भव्य रूप में आयोजित करने की घोषणा की। भारतीय टेलीविज़न और रंगमंच के इतिहास में 2025 का यह वर्ष स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। यह वह क्षण था जब भारतीय फिल्म, थिएटर और परफॉर्मिंग आर्ट्स के प्रतिष्ठित संस्थान बालगंधर्व कला अकादमी का कार्य भारत के विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर उसे यथोचित सम्मान दिलाना ही नही बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और समाज में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों की स्वीकृति है। किशोर कुमार एक ऐसी प्रेरणादायक हस्ती हैं जिन्होंने भारतीय मनोरंजन उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने बच्चों, युवाओं, विशेषकर लड़कियों और महिला कलाकारों को एक सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध मंच प्रदान करने के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया है। उनकी संस्था बालगंधर्व अकादमी, सिर्फ एक कला प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय रंगमंच और मनोरंजन उद्योग के लिए एक नई दिशा देने वाला मंच बन चुकी है।
बालगंधर्व अकादमी एक सपना जो हजारों कलाकारों को मिला एक मजबूत आधार:
आज के दौर में जब कला केवल मनोरंजन तक सीमित मानी जाती है, किशोर कुमार ने इसे समाज सुधार और महिला सशक्तिकरण का माध्यम बना दिया। उन्होंने बालगंधर्व अकादमी के माध्यम से हजारों युवा कलाकारों को सही मार्गदर्शन और अवसर प्रदान किए। उनका मानना है कि, “कला केवल प्रदर्शन का साधन नहीं, बल्कि यह आत्मा की अभिव्यक्ति है। यह वह शक्ति है जो न केवल मनोरंजन देती है, बल्कि समाज को बदलने की क्षमता भी रखती है।” बालगंधर्व अकादमी की विशेषता यह है कि यहां पर संस्कार, संस्कृति और कला का समन्वय देखने को मिलता है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ न केवल अभिनय, नृत्य और संगीत सिखाया जाता है, बल्कि कलाकारों को आत्मनिर्भर बनने के लिए सामाजिक और मानसिक रूप से सशक्त किया जाता है। इस अकादमी ने अभिनय और रंगमंच की दुनिया में हजारों कलाकारों को स्थापित किया है, जिनमें से कई आज फिल्म और टेलीविज़न जगत में एक मजबूत पहचान बना चुके हैं।
भारतीय कला और समाज के लिए एक प्रेरणादायक मील का पत्थर बालगंधर्व अकादमी यह भारतीय कला और संस्कृति को समर्पित साधकों की साधना का सम्मान है। किशोर कुमार का यह कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है और भारतीय टेलीविज़न तथा रंगमंच के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है। आज जब मनोरंजन उद्योग ग्लैमर और व्यवसायिकता की ओर बढ़ रहा है, ऐसे समय में बालगंधर्व अकादमी जैसी संस्थाएँ भारतीय कला की असली आत्मा को जीवित रखे हुए हैं। किशोर कुमार को एवं सर्वश्रेष्ठ बालगंधर्व अकादमी संस्थान के इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंच के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ! उनका योगदान कला, समाज और महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उनकी यह उपलब्धि भारतीय कला जगत में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगी।



