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उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की सिद्धार्थ नगर इकाई ने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।ने

नबी हुसैन - ख्वाजा एक्सप्रेस दैनिक समाचार पत्र पोर्टल सिद्धार्थ नगर। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर मंगलवार को जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव के नेतृत्व में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इंदु बाला सिंह को ज्ञापन सौंपा। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत डेढ़ लाख शिक्षामित्रों की समस्या निराकरण के संबंध में ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री एव देश के प्रधानमंत्री को सौपा गया। ज्ञापन देने से पूर्व जिलाध्यक्ष ने शिक्षा मित्रों को सम्बोधित करते हुए कहा उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र 22 वर्ष से गांव के गरीब शोषित वंचित पिछड़ों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। जिन्हें पिछले छह वर्ष से 10 हजार अल्प मानदेय दिया जा रहा है। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है। आर्थिक तंगी और मानसिक अवसाद के चलते 6000 शिक्षामित्र मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। जिला संरक्षक श्याम नारायण त्रिपाठी ने कहा 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद आरटीई एक्ट संशोधित कानून भारत का राजपत्र संसद का कानून बना था। जिसमें जिस पद पर जो था उसको चार वर्ष की छूट देकर योग्यता पूरी करने का समय दिया गया था। सरकार ने उसको 18 वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षामित्रों पर लागू नहीं किया रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है। ------------ प्रमुख मांगे -भारत का राजपत्र 10 अगस्त 2017 के अनुसार जो रिलैक्सेशन राजपत्र में दिया गया था। उसे 22 वर्ष से सेवारत शिक्षामित्रों पर लागू करके सहायक अध्यापक बनाया जाए। -टीईटी और सीटीईटी पास कर चुके शिक्षामित्रों को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के आधार पर आयु सीमा और अनुभव को आधार बनाकर बिना किसी परीक्षा के सहायक अध्यापक बनाया जाए। -शेष सभी शिक्षामित्रों को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत समायोजन नियमावली बनाकर समायोजित करके 12 माह का नियमित वेतनमान निर्धारित किया जाए। -मृतक शिक्षा मित्र परिवार को आर्थिक मदद एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाए। -जो शिक्षामित्र मूल विद्यालय जाने से वंचित रह गए थे उन्हें सुविधा अनुसार विद्यालय एवं महिला शिक्षामित्रों को उनके ससुराल के जनपद में स्थानांतरित करने का आदेश क्या जाए। आगामी अगस्त माह में शिक्षामित्रों की उपरोक्त समस्याओं पर सरकार द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो 6 वर्ष से मानसिक आर्थिक प्रताड़ना झेल रहे शिक्षामित्र अपनी मांगों को मनवाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना लखनऊ की धरती पर करने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर अशोक कुमार मिश्रा, केसरी प्रसाद, जगदीश कुमार, राम प्रकाश, यार मोहम्मद, रामु निराला, राघवेंद्र मिश्र, रूबी देवी, अर्चना श्रीवास्तव, अमित सिंह, संकटा प्रसाद सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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