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या तो सरकार जानती है या वह… जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि या तो सरकार या फिर वह खुद इसका कारण जानते हैं। मीडिया से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि केवल वही कारण जानते हैं। हमें इस पर कुछ नहीं कहना है। या तो सरकार जानती है या वह जानते हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार करना या न करना सरकार पर निर्भर है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उपराष्ट्रपति की तबीयत इतनी खराब नहीं हुई है कि उन्हें इस्तीफा देना पड़े। किसी ने उनकी तबीयत खराब कर दी है… सत्ताधारी पार्टी चुप है। इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह अचानक नहीं हो सकता। कल वह सदन की अध्यक्षता कर रहे थे और आज उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लंबी और स्वस्थ आयु प्रदान करें। उनके इस्तीफ़े का कोई और कारण है।

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि सरकार द्वारा लिए गए फ़ैसलों में पारदर्शिता नहीं है…प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, यह भी चौंकाने वाला है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है। उपराष्ट्रपति ने कल सदन की अध्यक्षता की। उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखे। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि वह बहुत गंभीर और अनुशासित व्यक्ति हैं; हमारे देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय रहा है। वह सबकी बात सुनते थे, लेकिन कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इससे सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए, जिनमें मैं भी शामिल हूं। यह सोवियत शैली के इस्तीफों जैसा लग रहा है, जब उन दिनों उच्च पदस्थ अधिकारियों को चिकित्सा कारणों का हवाला देकर पद छोड़ने को कहा जाता था। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हमारे यहां कुछ पारदर्शिता आएगी। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह बहुत दुखद है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं। ईश्वर करे वे स्वस्थ रहें।

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