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एमपी संजीव अरोड़ा ने लुधियाना रेलवे स्टेशन परियोजना के पुनर्विकास और उन्नयन का लिया जायजा

लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को संबंधित अधिकारियों से लुधियाना रेलवे स्टेशन परियोजना के 528.95 करोड़ रुपये के पुनर्विकास और उन्नयन की अद्यतन जानकारी मिली है।

इस परियोजना का कार्य 2 फरवरी, 2023 को शुरू किया गया था। परियोजना के 2025 की पहली छमाही में पूरा होने की संभावना है। यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) अनुबंध के माध्यम से की जा रही है।

अधिक जानकारी देते हुए अरोड़ा ने बताया कि स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भू-तकनीकी जांच, सर्वेक्षण कार्य और वास्तुकला डिजाइन अनुमोदन का कार्य पहले ही 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

पुनर्वास का काम भी 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है। स्ट्रक्चरल डिजाइन अप्रूवल का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। एमईपी डिजाइन अप्रूवल का काम 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

जहां तक ​​मल्टी लेवल कार पार्किंग (एमएलसीपी) के काम की बात है, दूसरी मंजिल के स्लैब का काम पूरा हो चुका है और दूसरी मंजिल पर रैंप का काम चल रहा है। ईस्ट साइड मेन स्टेशन बिल्डिंग में मेन स्टेशन कॉलम का काम कंपोजिट लेवल तक पूरा हो चुका है।

इसी तरह, जहां तक ​​एलिवेटेड अप्रोच रोड का काम है, 14 पियर और 17 पाइल कैप का काम पूरा हो चुका है। इसी तरह, ईस्ट साइड अंडर ग्राउंड टैंक स्ट्रक्चर का काम भी पूरा हो चुका है। प्लैटफॉर्म नंबर 1 पर कॉनकोर्स का फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है।

बहुमंजिला क्वार्टरों के निर्माण का काम भी चल रहा है। टाइप-II (ए और बी ब्लॉक) के आरसीसी पैरापेट का काम प्रगति पर है। टाइप-II सी ब्लॉक में टेरेस फ्लोर का काम पूरा हो चुका है और टाइप-II डी ब्लॉक में चौथी मंजिल का स्लैब बनाने का काम चल रहा है।

इसी तरह, टाइप-III (ई ब्लॉक) में कॉलम का काम प्रगति पर है और एफ ब्लॉक में तीसरी मंजिल के स्लैब का काम प्रगति पर है। जहां तक ​​टाइप-IV के बहुमंजिला क्वार्टरों के निर्माण का काम है, पहली मंजिल के स्लैब का काम प्रगति पर है।

स्टेटस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि रेस्ट हाउस के टेरेस स्लैब और ममटी का काम पूरा हो चुका है। अस्पताल भवन का काम भी चल रहा है। टेरेस स्लैब और ममटी का काम पहले ही पूरा हो चुका है और पहली मंजिल के एएसी ब्लॉक का काम प्रगति पर है।

लुधियाना रेलवे स्टेशन की स्थापना वर्ष 1860 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी और तब से, इस रेलवे स्टेशन पर कभी कोई बड़ा नवीनीकरण नहीं हुआ।

इस बीच, अरोड़ा ने बताया कि ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत ढंडारी कलां रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और उन्नयन का काम भी चल रहा है। किए जा रहे कामों में प्रवेश द्वार, प्रवेश लॉबी, पांच टिकट काउंटर, उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म, नया प्लेटफॉर्म नंबर 3, बढ़ा हुआ सर्कुलेटिंग एरिया और दिव्यांगों के लिए रैंप की सुविधा के साथ दो फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) शामिल हैं।

प्लेटफॉर्म शेल्टर की सुविधा भी बनाई जा रही है। यात्रियों के लिए पर्याप्त संख्या में शौचालय ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। प्लेटफॉर्म पर पानी के नल की व्यवस्था होगी। बैठने की उचित व्यवस्था होगी। यात्रियों के लिए 110 वर्ग मीटर का वातानुकूलित प्रतीक्षालय बनाया जाएगा।

पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय भी बनाए जा रहे हैं। एक एग्जीक्यूटिव लाउंज भी बनाया जाएगा। साथ ही ग्रीन एरिया का भी प्रावधान किया जाएगा।

करीब 25 फीसदी काम अभी भी पूरा होना बाकी है। ज्यादातर काम फिनिशिंग का काम, एफओबी का काम और ग्रीन एरिया का विकास बाकी है।

अरोड़ा ने कहा कि पहले ढंडारी कलां रेलवे स्टेशन का काम अप्रैल, 2024 तक पूरा होना था। अब इसे पूरा करने की समय सीमा नवंबर, 2024 तय की गई है।

इन कार्यों के लिए 11.62 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि वे नियमित रूप से हर चीज की निगरानी कर रहे हैं और जब तक सभी कार्य पूरे नहीं हो जाते, तब तक ऐसा करते रहेंगे।

लुधियाना रेलवे स्टेशन और ढंडारी रेलवे स्टेशन को पहले चरण में शामिल करना अरोड़ा की पहल थी और इसके लिए वे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लगातार मिलते रहे हैं। अरोड़ा ने इसके लिए मंत्री का धन्यवाद किया।

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