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नीतीश-नायडू क्या एनडीए के साथ बने रहेंगे या फिर मारेंगे पलटी?

नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को लेकर देश की सियासत में खूब चर्चा हो रही है। सबकी नजर एनडीए के उन 2 दलों पर है, जो अब नई सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे।

ये दोनों दल हैं तेलुगुदेशम और जेडीयू। मौजूदा लोकसभा चुनाव के मुताबिक बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए और कांग्रेस की अगुवाई वाली इंडिया अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू, जो भाजपा के साथ हैं और किसी भी समय एक समूह से दूसरे समूह में जा सकते हैं।

इसके चलते कांग्रेस में इन दोनों से संपर्क करने की हलचल शुरू हो गई है और अगर उन्हें कोई अच्छा ऑफर मिलता है तो उनके इंडिया अलायंस में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं नीतीश कुमार की पार्टी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। इन दोनों पार्टियों की कुल सीटें 28 हैं।

अगर बीजेपी को बहुमत का अंतर मिलता है तो ये दोनों किंगमेकर बन जाएंगे। ऐसे में संभावना है कि वह कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार एनडीए के प्रचार में नजर नहीं आ रहे थे।

पलटूराम के नाम से मशहूर नीतीश कुमार को एनडीए में अच्छा पद नहीं मिला, तो वे राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी वक्त विपक्ष के पाले में जा सकते हैं।

नीतीश कुमार की राजनीति को देखते हुए कब क्या फैसला लेंगे, ये उनके सिवा कोई नहीं जानता है। नीतीश कुमार बीजेपी और कांग्रेस दोनों के साथ रह चुके हैं और बिहार में सरकार चला चुके हैं।

नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ ही अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी, लेकिन कुर्सी के लिए दोनों की सियासी राह अलग हो गई है। नीतीश कुमार 1998 से लेकर 2013 तक बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के साथ रहे।

लेकिन 2014 में पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नाम को आगे बढ़ाया तो एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो गए थे। अब देखना है कि नीतीश-नायडू क्या एनडीए के साथ बने रहेंगे या फिर पलटी मारेंगे?

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