
- गुरु साहिब के जन्म से लेकर शहादत तक की यात्रा को पवित्र चित्रों और गुरुवाणी के माध्यम से प्रस्तुत करती यह शानदार प्रदर्शनी
श्री आनंदपुर साहिब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज विरासत-ए-खालसा में “हिंद की चादर” नामक विशेष प्रदर्शनी गैलरी का उद्घाटन किया, जो नौवें सिख पातशाह श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के जीवन और विरासत को दर्शाती है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गैलरी श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग़ बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह अद्भुत गैलरी गुरु साहिब की आध्यात्मिक और सांसारिक यात्रा का गहन चित्रण प्रस्तुत करती है।
भगवंत सिंह मान ने बताया कि इस प्रदर्शनी को गहन सोच-विचार के बाद पाँच प्रमुख हिस्सों में विभाजित किया गया है: जन्म और प्रारंभिक जीवनकाल, आध्यात्मिक यात्रा, गुरुगद्दी और संभालना, धार्मिकता का मार्ग और शहादत। इस प्रकार गुरु साहिब के जीवनकाल को महत्वपूर्ण और सार्थक ढंग से दर्शाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनी के केंद्र में गुरु तेग़ बहादुर जी की युद्ध-कला को दर्शाने वाले मॉडल सजाए गए हैं, जिनमें घोड़ा, तलवारें और तीर-कमान शामिल हैं, जो युद्ध के मैदान में उनकी महारत का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि गुरु घर को समर्पित श्रद्धालु मख़न शाह लुबाना के जहाजों के ‘बेड़े’ को दर्शाने वाला ऐतिहासिक मॉडल और भाई दियाला जी की सर्वोच्च क़ुरबानी और दृढ़ता को दर्शाने वाली उबलती देग का मॉडल मुख्य आकर्षण हैं। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि प्रदर्शनी में लख़ी शाह वनजारा के पुनर्निर्मित घर को भी दर्शाया गया है, जो आकर्षण का दिलकश केंद्र है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गैलरी में गुरु साहिब के जन्म से लेकर उनकी शहादत तक की यात्रा को गहराई से प्रस्तुत करने वाले विस्तृत चित्र और गुरुवाणी की पवित्र पंक्तियाँ सजी हुई हैं, जो दर्शकों को गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की महान विरासत को स्थायी बनाना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारी पीढ़ियों को गुरु साहिब द्वारा मानवता और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए दी गई सर्वोच्च क़ुरबानी से परिचित कराना समय की आवश्यकता है।



