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वाल्मीकि समाज के लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए मंथन शुरू

जातीय जनगणना के कॉलम में वाल्मीकि समाज के लोगों को वाल्मीकि लिखना ही पड़ेगा तभी उसे उसका अधिकार मिलेगा

ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता 

 

नई दिल्ली / राम राज्य मंथन संस्था द्वारा महर्षि वाल्मीकि मंदिर उस्मानपुर दिल्ली के परागण में एक मीटिंग जिसकी अध्यक्षता मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष मोहिनी चंदेल ने की मीटिंग के संयोजक महंत राजू चंदेल रहे मुख्य अतिथि रमेश वाल्मीकि रहे जिसमें समाज की पीड़ा को लेकर चर्चा की गई वाल्मीकि समाज पर आज चारों तरफ अत्याचार शोषण बढ़ रहा है उसका कैसे समाधान किया जाए समाज के बच्चे पढ़ लिखकर कैसे तरक्की करें राजनीति में कैसे भागीदारी मिले इन सभी विषय को लेकर वक्ताओं ने अपनी अपनी बात रखी आए हुए अतिथियों का पगड़ी पटका पहनाकर जोरदार स्वागत किया महंत राजू चंदेल जी ने बताया कि यह तो अभी दिल्ली से हम लोगों ने शुरुआत की है हम देश के कोने-कोने में जाएंगे और समाज को जागरूक करेंगे मौजूद रहे मदन लक्कड़, रमेश ,नरेश चौधरी, सुभाष, नारायण, मोहनी चंदेल ,सुरेंद्र सिंह चंदेल संस्थापक राष्ट्रीय वाल्मीकि सेना विनीत कुमार, राहुल , अनिल , चंद्रपाल, अमित, कमलेश देवी, शंकर लाल , शिवम गुरुजी सभी ने समाज की उन्नति के लिए साथ देने का वादा किया मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर महेंद्र गुरु जी राजू चंदेल ने बोलते हुए कहा कि सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की जा रही है तमाम वाल्मीकि समाज के लोग जाति वाले कॉलम में वाल्मीकि लिखें जिससे कि आपकी वास्तविक जनसंख्या का आकलन हो सकता है और उसके चलते हमें राजनीति अपना अधिकार मिल सके आज तमाम राजनीतिक दल हमारे समाज की संख्या कम आते हैं अन्य जाति के लोगों को जो अनुसूचित जाति समाज में शामिल किए गए हैं उनकी संख्या ज्यादा बताते हैं जिस कारण वाल्मीकि समाज का व्यक्ति को पीछे कर दिया जाता है और उसे उसका अधिकार नहीं मिल पाता इस बार जातीय जनगणना में वाल्मीकि समाज के लोगों को जाती है कलम में वाल्मीकि समाज लिखना जरूरी हो गया है अन्यथा हम पीछड जाएंगे 

और हमें राजनीतिक क्षेत्र में हमारे लोगों को अधिकार नहीं मिल पाएंगे।।

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