
फतेहाबाद। पंजाब के संगरूर जिले के धुरी विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अत्याधुनिक डिजिटल पुस्तकालय का उद्घघाटन किए जाने के बाद, फतेहाबाद जिले में भी ऐसी ही सुविधा की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पुस्तकालय संघर्ष समिति के संयोजक और जिला पुस्तकालय के आजीवन सदस्य मोहनलाल नारंग ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि फतेहाबाद में भी धुरी की तर्ज पर एक आधुनिक पुस्तकालय का निर्माण करवाया जाए। नारंग ने बताया कि फतेहाबाद को जिला बने 28 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज तक यहां के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, पाठकों, नागरिकों को एक स्थायी जिला पुस्तकालय नसीब नहीं हुआ। अब तो साहित्य बोरियों में बंद पड़ा है अर्थात सीखने, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दरवाजे बंद हैं। यह स्थिति शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में जिले के साथ अन्याय है। नगर पार्षद ने कहा कि साल 2007 में जिला पुस्तकालय की स्थापना तो कर दी गई लेकिन आज तक सिर्फ भवनों की तलाश में भटक रहा है।
कभी जर्जर इमारत, कभी बस स्टैंड की शोरगुल भरी जगह, और अब बाल भवन की छत के नीचे बिना पुस्तकों के दम तोड़ता एक नाममात्र पुस्तकालय यानी अध्ययन कक्ष/रीडिंग रूम। यह सरासर पाठकों के साथ नाइंसाफी है। पुस्तकों की यह दुर्दशा शायद पूरे हरियाणा ही नहीं, देशभर में फतेहाबाद में ही देखने को मिलेगी। उन्होंने यहां वर्तमान विधायक, पूर्व विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे जनहित मौके पर जाकर स्थिति का अवलोकन करें तथा ज्ञान के केंद्र आधुनिक पुस्तकालय के निर्माण में सहयोग करें। नारंग ने मांग की है कि जब तक स्थायी भवन नहीं बनता, तब तक पंचायत भवन जैसे शांत और सुगम स्थान से पुस्तकालय को अस्थायी रूप से संचालित किया जाए। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि फतेहाबाद के पुराने एसडीएम निवास को जिला पुस्तकालय के स्थायी भवन हेतु आवंटित किया जाए। समिति का स्पष्ट कहना है कि यह केवल भवन की मांग नहीं, बल्कि यह ज्ञान, शिक्षा और भविष्य निर्माण की बुनियाद है।