
- पवित्र काली बेई की सफाई की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में लिया हिस्सा
- राज्य सरकार की कई जन-हितैषी पहलों का किया उल्लेख
- पवित्र काली बेई की सफाई करने वाले बाबा सीचेवाल ने पानी की रक्षा के लिए संसद में भी की आवाज बुलंद
सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भूजल को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लोगों को शपथ लेने का आह्वान किया।
यहां पवित्र काली बेई की सफाई की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पंजाब को नदियों की धरती के रूप में जाना जाता है, लेकिन वर्तमान समय में राज्य गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, जिसके लिए पानी का संरक्षण एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद हमारी सरकार ने पूरे राज्य में 15,947 खालों और नहरों का जीर्णोद्धार किया है, जिसके कारण दूर-दराज के गांवों में पानी पहुंच रहा है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तब पंजाब में केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग सिंचाई के लिए हो रहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे गर्व है कि अब 63 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के लिए उपयोग हो रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पानी और पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन में बदलने के लिए राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए लोगों के सक्रिय और पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है।
गुरबानी की पंक्ति ‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गुरु साहिबान ने हवा को शिक्षक, पानी को पिता और धरती को माता के समान माना है, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि हम इन तीनों को प्रदूषित करके गुरु साहिबान की शिक्षाओं पर चलने में असफल रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि पंजाब के पर्यावरण और आध्यात्मिक वैभव को बहाल करने के लिए गुरबानी के सार को गंभीरता से अपने जीवन में उतारा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की चरण-छोह प्राप्त इस पवित्र धरती पर श्रद्धा अर्पित करने का अवसर मिला। उन्होंने सभा को याद दिलाया कि प्रथम पातशाही ने यहां समस्त मानवता के लिए मूल मंत्र का उच्चारण किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु साहिब ने इस पवित्र नगरी में लगभग 14 वर्ष बिताए और मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मुझे पवित्र काली बेई की कार सेवा की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 165 किलोमीटर लंबी काली बेई की सफाई के विशाल प्रयास को इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अनुकरणीय पहल ने विश्व में हवा और पानी को बचाने के महत्व के बारे में एक मजबूत संदेश दिया है। भगवंत सिंह मान ने बाबा बलवीर सिंह सीचेवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने 16 जुलाई 2000 को गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से अरदास के साथ कार सेवा की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि 2022 में संत सीचेवाल जी को पंजाब से राज्यसभा सदस्य चुना गया, जो लोगों की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा जी ने संसद में पानी की रक्षा के लिए आवाज बुलंद की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार और बाबा सीचेवाल के अथक प्रयासों से बुड्ढा दरिया (जिसे बुड्ढे नाले के नाम से जाना जाता था) की सफाई के लिए जोर दिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बुड्ढा दरिया का प्राचीन स्वरूप बहाल कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के जल संसाधनों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए के विकास परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं ताकि श्री गुरु नानक देव जी की चरण-छोह प्राप्त पवित्र नगरी सुल्तानपुर लोधी के व्यापक विकास को सुनिश्चित किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने आश्वासन दिया कि इन परियोजनाओं को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि काली बेई की सफाई की वर्षगांठ मनाना केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता पैदा करना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रकृति द्वारा दी गई अनमोल देनों की रक्षा करना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से पर्यावरण संरक्षण के लिए जन आंदोलन में बढ़-चढ़कर योगदान देने का आह्वान किया।
बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते दिन सरकार ने विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम बिल-2025’ पेश किया है। उन्होंने कहा कि बेअदबी जैसी संवेदनशील घटनाएं पंजाबियों के दिलों को गहरे तक आहत करती हैं और इन मामलों का हमारी वर्तमान और आगामी पीढ़ियों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे घृणित अपराधों को रोकने के लिए कठोर सजा का प्रावधान करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों-महापुरुषों और पीरों-पैगंबरों की पवित्र धरती है, जिन्होंने प्रेम, सद्भावना और सहनशीलता का संदेश दिया। हालांकि, उन्होंने अफसोस जताया कि कुछ पंजाब विरोधी ताकतें 2016 से पवित्र ग्रंथों के खिलाफ बेअदबी की घटनाओं को अंजाम देकर सांझीवालता के ताने-बाने को तोड़ने की नीच कोशिशें कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने ऐसे कृत्यों में शामिल दोषियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराया।
जन-हितैषी पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ देश में अपनी तरह की पहली योजना है, जिसके तहत पंजाब के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए का नकद रहित इलाज मिलेगा। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि पंजाब, भारत का पहला राज्य बन गया है जहां हर परिवार को इलाज के लिए सुविधाएं मिलेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस योजना से सबसे अधिक लाभ आम लोगों को होगा।
नशे के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की समस्या ने लंबे समय से पंजाब की छवि को धूमिल किया है। उन्होंने कहा कि इस अभिशाप का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ना, मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार करना, पीड़ितों का पुनर्वास करना और नशा तस्करों की संपत्तियों को जब्त करना व नष्ट करना शामिल है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य ने नशे के खात्मे के लिए ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ शुरू किया है, जिसके हिस्से के रूप में गांवों की पंचायतें अपने गांवों को नशा मुक्त घोषित करने के लिए प्रस्ताव पारित कर रही हैं।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य संत बाबा बलवीर सिंह सीचेवाल ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।