राष्ट्रपति पुतिन का दौरा यूपी के लिए वरदान: लेदर इंडस्ट्री को बूस्टर डोज की उम्मीद.. खुलेगें रूस के बाजार

लखनऊ। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से जहां रक्षा क्षेत्र को मजबूती मिलने की उम्मीद है वहीं उत्तरप्रदेश की लेदर इंडस्ट्री की भी निगाहें टिकी हुई है। लेदर इंडस्ट्री को उम्मीद है कि अमेरिकी टैरिफ के चलते प्रभावित हो रहे व्यापार के लिए रूस के बाजार उनके लिए खुल सकते हैं। जो एमएसएमई सेक्टर के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी।
रूस को लेकर भारत के इस समय अमेरिका समेत उसके पश्चिमी सहयोगियों के साथ जो कूटनीतिक रिश्ते हैं, उसको देखते हुए पुतिन की इस यात्रा पर दुनिया भर की नजरें लगी हुई हैं लेकिन, भारत और रूसअपने सामरिक, रक्षा और आर्थिक संबंधों में इनकी वजह से किसी भी तरह से दबाव में आने वाले नहीं हैं। ऐसे में पांच दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 5 दिसंबर बेहद अहम द्विपक्षीय सम्मेलन होने वाला है।
इसमें भारत अपनी रक्षा क्षमताओं के विस्तार और आत्मनिर्भरता की दिशा में रूस के साथ बड़ी डील को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। रूसी राष्ट्रपति के साथ भारत दौरे पर आने वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और व्यापार के लिए नए रास्ते खोलने पर सहमति बनने के पूरे आसार है।
ऐसे में भारत और रूस के बीच आर्थिक व व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से आगामी 5 दिसंबर 2025 को दिल्ली में एक बड़े स्तर का इंडिया-रूस बिजनेस फोरम 2025 आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन रूसी महासंघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान होगा।
उनके साथ वरिष्ठ मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और विभिन्न क्षेत्रों की 200 से अधिक प्रमुख रूसी कंपनियाँ भारत पहुंचेंगी, जिनसे व्यापक व्यावसायिक संवाद और निवेश अवसरों पर चर्चा होने की उम्मीद है। फोरम का आयोजन फिक्की द्वारा वाणिज्य विभाग, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
इस फोरम में शामिल होने के लिए फिक्की की तरफ से यूपी की लेदर इंडस्ट्री को भी निमन्त्रण भेजा गया है। इस महत्त्वपूर्ण बैठक के दौरान कई स्तरों पर व्यावसायिक चर्चाएँ, रोडशो और बी2बी संवाद आयोजित होंगे, जिनसे दोनों देशों के उद्योग जगत को परस्पर व्यापार बढ़ाने के लिए नए अवसर मिलेंगे। जिससे भारतीय उद्योगपतियों को रूसी कंपनियों से सीधे बातचीत कर संभावित साझेदारियों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।
फोरम का सबसे प्रमुख आकर्षण पूर्ण-बैठक (प्लेनेरी सेशन) होगा, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की भी संभावना है। इस सत्र से द्विपक्षीय व्यापार को उच्च स्तर पर प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। फोरम के मुख्य कार्यक्रमों में ‘रूस रोडशो: उभरती आवश्यकताएँ एवं अवसर’ विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा, जिसमें वरिष्ठ रूसी मंत्री फार्मा एवं हेल्थकेयर, आईटी एवं डिजिटल सेवाएँ, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, मानव संसाधन, कौशल विकास और सेवाक्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी आवश्यकताओं और कारोबारी अवसरों को प्रस्तुत करेंगे।
गुरुवार को रीजनल काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन असद के इराकी ने बताया कि इस बैठक से लेदर इंडस्ट्री के लिए नए रास्ते खुलने के अनुमान है। उन्होंने बताया कि भारत से यूएस को 10000 करोड़ रुपये का लेदर एक्सपोर्ट होता था। जिसमे कानपुर और उन्नाव से 2000 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।
टैरिफ के चलते बाजार गड़बड़ हो चुका है। ऐसे में पुतिन के दौरे से लेदर इंडस्ट्री को काफी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फिक्की की तरफ से सभी को प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली वार्ता में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है और वह स्वयं बैठक में शामिल होंगे।



