उत्तर प्रदेशगोरखपुरराज्यलखनऊ

कभी गोरखपुर में सपना था एम्स, आज सात करोड़ की आबादी को उपहार : मुख्यमंत्री

  • एम्स के लिए लड़नी पड़ी सड़क से संसद तक लड़ाई : सीएम योगी
  • एम्स गोरखपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
  • बीज से वटवृक्ष बनने तक एम्स गोरखपुर की यात्रा का सहभागी : मुख्यमंत्री
  • सीएम बनते ही एम्स के लिए ट्रांसफर कराई जमीन : मुख्यमंत्री

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 के पहले गोरखपुर में एम्स का बनना सपना था। आज साकार रूप में यह पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के बड़े भूभाग की कुल मिलाकर पांच करोड़ की आबादी के लिए प्रत्यक्षत: और सात करोड़ की आबादी के लिए अप्रत्यक्षत: चिकित्सा सुविधा हेतु निर्भरता का प्रमुख केंद्र बन चुका है। सीएम योगी सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में देश की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी सपना रहे गोरखपुर एम्स से आज जब प्रथम मैच निकल रहा है तो हम सबके चेहरे पर चमक, उत्साह और उमंग है। एम्स की स्थापना के लिए किए गए संघर्ष को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एम्स गोरखपुर आज वटवृक्ष का रूप ले रहा है।

कहा, ह्लबीज से वटवृक्ष बनने की एम्स की पूरी यात्रा में मैं एकमात्र व्यक्ति हूं जो इस समय यहां के दीक्षांत मंच पर उपस्थित हूं।ह्व उन्होंने कहा कि एम्स के लिए हुए संघर्ष को उन्होंने नजदीक से देखा है। सड़क से संसद तक की लड़ाई लड़ी है। संघर्ष के प्रतिफल में 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई। पर, इसे बनाने के लिए जमीन की दिक्कत हो रही थी। उन्होंने बताया कि जब वह मार्च 2017 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो सबसे पहले एम्स गोरखपुर के लिए जमीन ट्रांसफर कराया। जमीन मिली तो एम्स बनकर तैयार हुआ और 2021 में पीएम मोदी ने इसका लोकार्पण किया। एम्स गोरखपुर से अपने आत्मीय लगाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में जब एम्स में एमबीबीएस के पहले बैच ने प्रवेश लिया तो विद्यार्थियों से संवाद करने वह खुद आए थे।

एम्स के रूप में सपनों का साकार होना अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स गोरखपुर के पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती पटल को मिलाकर पटना से लखनऊ के बीच चिकित्सा सेवा का ऐसा कोई महत्वपूर्ण केंद्र नहीं था। आज यहां सपनों का साकार होना दिख रहा है। गत वर्ष से एम्स गोरखपुर में डीएम की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी के साथ नर्सिंग की भी उत्कृष्ट पढ़ाई हो रही है। एम्स गोरखपुर के रूप में सपनों का साकार होना आज सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है।

प्रथम बैच से इंसेफेलाइटिस पर केस स्टडी का आह्वान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान एम्स गोरखपुर के प्रथम पासआउट बैच से आह्वान कि प्रथम बैच के डॉक्टर पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए दहशत का पर्याय रही इंसेफेलाइटिस पर केस स्टडी करें। उन्होंने कहा कि एम्स की स्थापना का एक लक्ष्य यह भी था कि पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस के इलाज की सुविधा मिले, पर आज जो विद्यार्थी डिग्री लेकर जा रहे हैं तो उन्हें भी इसके उन्मूलन की सुखद अनुभूति हो रही होगी। सीएम ने कहा कि आज से आठ साल पहले यह माह इंसेफेलाइटिस के चलते भय का होता था। चालीस साल में प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से पचास हजार मौतें हुई थीं। उन्होंने बताया कि जुलाई अगस्त के महीने में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तीसरी मंजिल के वार्ड में बिना पंखे के एक बेड पर चार-चार मरीज पड़े रहते थे। कल्पना की जा सकती है कि मरीजों और उनके परिजनों की क्या स्थिति रही होगी। इंसेफेलाइटिस के उपचार की गंभीर व्यवस्था और उन्मूलन की दिशा में प्रयास 2014 से पीएम मोदी के मार्गदर्शन में शुरू हुए। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश को दो महत्वपूर्ण केंद्र दिए। पहला बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर और दूसरा एम्स। उन्होंने नए डॉक्टरों से कहा कि वे इस पर केस स्टडी करें कि इंसेफेलाइटिस का उन्मूलन कैसे हुआ, इसमें उन्हें एम्स में सेवारत डॉ महिमा मित्तल से सहयोग मिल सकता है जो इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन के लिए किए गए संघर्ष में शामिल रहीं।

आने वाला समय रिसर्च का
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाला समय रिया8एंड डेवलपमेंट का है। जितना अधिक मरीज देखेंगे, उसकी सामाजिक, भौगोलिक परिस्थितियों को जानेंगे, उतना अच्छा रिसर्च कर सकेंगे। उन्होंने नए डॉक्टरों से कहा कि नए सिरे से कार्य करने की जरूरत होगी क्योंकि जीवन संग्राम अब शुरू हो रहा है। कहा कि चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा और इसके लिए विस्तृत क्षेत्र में दुनिया आपके सामने है।

आज हर जिले में मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ वर्ष पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में एकमात्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज (गोरखपुर) था। आज हर जिले में मेडिकल कॉलेज है। गोरखपुर के अलावा, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, गोंडा, अयोध्या, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, चंदौली में मेडिकल कालेज है। उन्होंने कहा कि बलिया में भी सरकार नया मेडिकल कॉलेज बनाने जा रही है।

आदिकाल से प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है गोरखपुर
गोरक्ष धरा पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर भारत की सनातन परंपरा में आदिकाल से एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विख्यात रहा है। शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ ने सैकड़ों वर्ष पूर्व जिस धरा को अपनी साधना से आलोकित किया उसे आज सभी लोग गोरखपुर के नाम से जानते हैं। गोरखपुर की आध्यात्मिक ऊर्जा प्राचीनकाल से देश और दुनिया में प्रकाश बिखेरती रही है। देश के जो भी प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल हैं, वे गोरखपुर के इर्दगिर्द हैं। महात्मा बुद्ध की महानिर्वाण स्थली कुशीनगर गोरखपुर से 50 किमी, उनकी जन्मस्थली लुम्बिनी 90 किमी की दूरी पर है। जैन परंपरा के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की पावानगरी गोरखपुर से 70 किमी और संतकबीर की महापरिनिर्वाण स्थली 30 किमी की ही दूरी पर है। गोरखपुर से भारत की सनातन परंपरा के केंद्र अयोध्या जाने में डेढ़ घंटे और बाबा विश्वनाथ के धाम काशी जाने में सिर्फ ढाई घंटे लगते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन परंपरा और आध्यात्मिकता से संपन्न इस धरा की आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। पर, इन सबके बावजूद यह क्षेत्र शैक्षिक, स्वास्थ्य और आर्थिक विपन्नता का शिकार था। इस विपन्नता को 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दूर किया गया।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button