बाराबंकी: आयोग का आदेश दरकिनार, नहीं दर्ज हुई एफआईआर, विधवा की जमीन पर जबरन कब्जे का प्रकरण

- डीएम एसपी से शिकायत, भू माफिया बेखौफ
बाराबंकी। फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र में एक विधवा महिला की जमीन पर भू माफिया कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। एक ही जमीन कई लोगों के नाम करने के प्रकरण में पीड़िता ने स्थानीय पुलिस व जिले के आला अिधकािरयों के यहां सुनवाई न होने पर केन्द्रीय एससीएसटी आयोग तक शिकायत की।
जिसके बाद आयोग ने 25 अगस्त को बाराबंकी के डीएम और एसपी को नोटिस भेजकर 15 दिनों के भीतर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन आयोग के निर्देश के 5 दिन बाद भी मामला जस का तस है। आरोप है कि क्षेत्रीय पुलिस आरोपियों के दबाव में काम कर रही है, इसी के चलते पीिड़ता की सुनवाई नहीं हो रही है।
क्षेत्र के ग्राम झरसवां की रहने वाली सोनापति पत्नी स्वर्गीय प्रेम कुमार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 में ग्राम प्रेमपुर मजरे झरसवां स्थित गाटा संख्या-7 से दो अलग-अलग रजिस्ट्रियों के जरिए जमीन खरीदी और उस पर कब्जा भी प्राप्त कर लिया था, लेकिन विक्रेता नौमी लाल ने बाद में शेष भूमि का इकरारनामा लखनऊ निवासी अनिमेष जैन को कर दिया, जिसमें कथित रूप से कूटरचित तरीके से सड़क से सटी जमीन दिखायी गई। इसके बाद अनिमेष जैन ने राजेन्द्र प्रसाद नामक व्यक्ति के पक्ष में बैनामा करा दिया।
आरोप है कि 20 अगस्त को अनिमेष जैन, उसके पिता विद्युत कुमार, विक्रेता नौमी लाल, राजेन्द्र प्रसाद व अन्य लोगों ने मौके पर पहुंचकर उनकी जमीन पर बन रही बाउंड्रीवाल तोड़ दी, निर्माण सामग्री गायब कर दी और उन्हें जातिसूचक गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी। घटना की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज हुई। महिला ने बताया कि उनके पति का इसी वर्ष मार्च में निधन हो गया और अब वह अपने दो छोटे बच्चों के साथ बेसहारा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भूमाफियाओं के दबाव में पुलिस बार-बार निर्माण कार्य रुकवा देती है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने 25 अगस्त के माध्यम से एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन अब तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रकरण को लेकर क्षेत्राधिकारी फतेहपुर जगतराम कनौजिया ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलते ही तत्काल रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।



