तराई बेल्ट के मदरसों में जेहादियों की फौज तैयार कर रहा था छांगुर बाबा, ATS और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की इनपर पैनी नजर

लखनऊ: एटीएस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा नेपाल की तराई इलाके में जेहादियों की फौज खड़ी कर रहा था। वह इस काम में विदेशों से धर्मांतरण व इस्लाम के प्रचार के लिए आने वाले करोड़ों रुपये का बड़ा हिस्सा पांच दर्जन से अधिक मदरसों के संचालकों को देता था। ताकि वहां धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद जेहादी युवक बाहर निकले। जिनका उपयोग वह अपने धर्मांतरण में कर सके।
छांगुर बाबा ने अपना बड़ा नेटवर्क नेपाल और उसके सीमावर्ती सात जिलों में फैला रखा है। इसमें महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुरखीरी जिले प्रमुख रुप से शामिल हैं। नेपाल सीमा के आसपास छांगुर बाबा ने मिनी पाकिस्तान बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार कर रखा था। यह खुलासा एटीएस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच के अलावा आयकर विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। आयकर विभाग की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और यूपी सरकार सक्रिय हुई। जांच में यह भी सामने आया कि दक्षिण भारत की कुछ धार्मिक संस्थाओं ने भी छांगुर बाबा के इस काली करतूत के लिए फंडिंग की थी।
पांच माह से चल रही थी गोपनीय जांच
नेपाल सीमा के सटे जिलों में पिछले वर्ष दीपावली के बाद से लगातार दो हजार के नोट के बदलने का खेल धड़ल्ले से चल रहा था। जानकारी होने पर आयकर विभाग लखनऊ की टीम ने छापा मारा। इस दौरान सीमावर्ती जिलों में बड़े पैमाने पर यूपीआई व गूगल पे से करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला सामने आया। शुरूआती जांच में 150 करोड़ रुपये की फंडिंग होने के सुराग मिले हैं, जिनका प्रयोग धर्मांतरण के साथ मजिस्द, मदरसे और मजारें आदि बनाने में हो रहा है। जांच में सामने आया कि बलरामपुर के एक मुस्लिम व्यक्ति के बैंक खाते में करीब 12 करोड़ रुपये तामिलनाडु की एक धार्मिक संस्था द्वारा भेजे गये थे।
छांगुर बाबा ने करोड़ों रुपये मदरसों में दिये
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा ने जेहादियों की फौज तैयार करने के लिए मदरसों का सहारा लिया है। सीमावर्ती इलाके में कई ऐसे मदरसे हैं। जिनमें 20 से 35 कमरे हैं। उनके छात्रावास भी काफी हाईटेक हैं। इन मदरसों को संख्या करीब 50 से 70 के बीच है। इन मदरसों के संचालक सीधे छांगुर बाबा से जुड़े थे। इनमें महत्वपूर्ण आयोजनों में छांगुर बाबा बतौर अतिथि जाता था। छात्रों को दीनी तालीम के साथ जेहाद का भी पाठ पढ़ाता था। सूत्र यह भी बताते हैं कि छांगुर बाबा ने गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ समेत कई पूर्वांचल के जिलों में अपना नेटवर्क फैला रखा। यह खेल पिछले 15 वर्ष से चल रहा है।