उत्तर प्रदेशलखनऊ

गर्मी से डायरिया और डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे बच्चे

लखनऊ। गर्मी के कारण बच्चे डायरिया, डिहाइड्रेशन और वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के बाल रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजाें की संख्या 50 फीसद तक बढ़ गई है। डॉक्टरों ने ऐसे मौसम में बच्चों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी है।

रानी अवंतीबाई महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने बताया कि ऐसे मौसम में सभी आयु वर्ग के लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है, लेकिन बच्चों में इंफेक्शन का ज्यादा खतरा रहता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन बच्चों के पेट में दिक्कत हो जाती है। इससे डिहाइड्रेशन, डायरिया और कमजोरी हो सकती है। इनसे बचने के लिए डॉक्टर को बच्चों को दिखाकर ही दवाएं खिलानी चाहिए। उनके खानपान पर खास ध्यान देना चाहिए।

साफ पानी ही पिलाना चाहिए। नवजातों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि गर्मी के कारण बीमार होने वाले 30-35 बच्चे रोजाना अस्पताल आ रहे हैं। इनमें 10-12 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। गर्मी से बीमार मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। लोकबंधु और सिविल अस्पताल में भी 25-30 बच्चे रोजाना आ रहे हैं।

स्वस्थ होने में लग रहा एक सप्ताह

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीके गुप्ता ने बताया बुखार और डायरिया से पीड़ित बच्चों को ठीक होने में पांच से सात दिन लग रहे हैं। माता, पिता को घबराने की जरूरत नहीं है। मेडिकल स्टोर या अप्रशिक्षित से दवा लेकर बच्चों को न दें। प्रशिक्षित डॉक्टर से ही इलाज कराएं। बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें। जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध पर्याप्त होता है। इससे शरीर का तापमान बेहतर रहता है और पानी की कमी भी नहीं होती। बच्चों के शरीर पर तेल के मालिश नहीं करनी चाहिए, इससे शरीर का तापमान बिगड़ सकता है।

बच्चों में गर्मी से होने वाली बीमारियों के लक्षण
  1.  चिड़चिड़ापन
  2. सिर दर्द
  3. अधिक पसीना आना
  4. मिर्गी या दौरा पड़ना
  5. कमजोरी, चक्कर आना
  6. बेहोशी आना
  7. बेतुकी बातें करना
  8. सांस और दिल की धड़कन तेज होना
  9. मतली और उल्टी आना
  10.  जागने में कठिनाई या नींद न खुलना
  11.  तेज बुखार आना।
प्राथमिक चिकित्सा के उपाय
  • गर्मी लगने पर बच्चे को तुरंत घर के अंदर या छांव में ले जाएं।
  •  कपड़े ढीले करें और पंखे से हवा के प्रवाह को तेज करें
  • सादे पानी से शरीर पर छिड़काव करें या पोंछे
  • बच्चा होश में है तो उसे तुरंत पानी पिलाएं
  • उल्टियां होने पर करवट के बल लिटाएं ताकि गले में कुछ न फंसे
  • बेहोशी की हालत में कुछ भी खिलाने के प्रयास न करें
  • बुखार होने पर घबराएं नहीं, पैरासिटामोल दें
ऐसे करें बीमारियों से बचाव
  •  बच्चे को धूप से बचाएं और पर्याप्त तरल पदार्थ दें
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें, ओआरएस का घोल पिलाएं
  • ओआरएस न होने पर एक लीटर पानी में आधा चम्मच नमक और छह चम्मच चीनी मिलाकर घोल बनाकर दें
  • चिकित्सक की सलाह के बिना एंटीबायोटिक न दें
  • डिब्बा बंद चीजें, बाजार के कटे फल और गन्ने का जूस न दें।

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