लखनऊ में परिषदीय विद्यालयों के विलय के खिलाफ अपना दल का प्रदर्शन

राजधानी लखनऊ के नोबल्टी चौराहे पर सोमवार को अपना दल के कार्यकर्ताओं ने परिषदीय विद्यालयों के विलय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने योगी आदित्यनाथ सरकार की शिक्षा नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए स्कूल विलय को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया।
पल्लवी पटेल का आरोप: सरकार बेटियों की पढ़ाई छीन रही है
पार्टी की प्रमुख नेता और विधायक पल्लवी पटेल ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए सरकार पर ग्रामीण व पिछड़े इलाकों के बच्चों की शिक्षा को नष्ट करने का आरोप लगाया। हम चाहते कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो। भारतीय जनता पार्टी का परिपक्य निर्णय है संविधान में लिखे शिक्षा के अधिकार को छीना जा रहा है। छोटे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने के दौरान कोई दुर्घटना हो गयी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। ये प्राथमिक विद्यालय बंद होते ही उन लड़कियों की शिक्षा रुक जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, “सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है, लेकिन उसी की नीतियों से गांव की बेटियों की पढ़ाई खतरे में पड़ रही है। अगर प्राथमिक स्कूल बंद हो जाएंगे, तो गरीब परिवारों की लड़कियां स्कूल जाना बंद कर देंगी। यह सिर्फ स्कूल बंद करने का मामला नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों को दफनाने जैसा है।”
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार मुर्दाबाद और “शिक्षा का अधिकार छीना नहीं जाएगा” जैसे नारे लगाए। पल्लवी पटेल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज होगा।
क्यों विवादित है स्कूल विलय का फैसला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में छात्र संख्या कम होने के कारण कई परिषदीय स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मिलाने का निर्णय लिया है। विरोध करने वालों का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों, खासकर लड़कियों की शिक्षा प्रभावित होगी, क्योंकि दूर के स्कूलों में जाना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा।