‘World Toilet Day’ : औपचारिकता नहीं, ग्रामीण गरिमा और स्वच्छता के प्रति प्रदेश के संकल्प का प्रतीक, बोले मंत्री ओमप्रकाश राजभर

लखनऊ। उत्तरप्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि विश्व शौचालय दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि ग्रामीण गरिमा और स्वच्छता के प्रति प्रदेश के संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ओडीएफ प्लस की दिशा में प्राप्त उपलब्धियां ग्राम पंचायतों, स्वच्छता कर्मियों और आम नागरिकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम हैं। बुधवार को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर पंचायती राज निदेशालय, अलीगंज लखनऊ में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर, प्रमुख सचिव अनिल कुमार सिंह तथा निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से चयनित उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों, प्रधानों और जनपदों को स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सामुदायिक शौचालयों के संचालन, व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों और जन-जागरूकता प्रसार में बेहतर कार्य करने वाली पंचायतों की सराहना की गई। इस दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता संदेश भी प्रस्तुत किया गया।
सर्वश्रेष्ठ जनपद पुरस्कार गाजियाबाद, रामपुर, हाथरस, श्रावस्ती और फिरोजाबाद को प्राप्त हुआ। वहीं सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत के रूप में मिर्जापुर की नदिहार, बरेली की भरतौल, बिजनौर की जालबपुर गूदड़, कानपुर नगर की रमईपुर व श्रावस्ती की सरवन तारा को सम्मानित किया गया। कम्यूनिटी सेनेट्री कॉम्प्लेक्स श्रेणी में महोबा की सिजहरी, झांसी की सिमरावारी, पीलीभीत की पिपरिया अगरू, कासगंज की मजराजात कासगंज और आजमगढ़ की वीनापारा पंचायतों को पुरस्कार मिला।
श्रेष्ठ गोबर्धन प्रोजेक्ट के लिए ललितपुर की कारीपहाड़ी, श्रावस्ती की टण्डवा महंत और रामपुर की किरा पंचायत को सम्मान दिया गया। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में रामपुर की सींगनखेड़ा, बरेली की भमौरा और सोनभद्र की रामगढ़ पंचायत को पुरस्कृत किया गया। प्रमुख सचिव अनिल कुमार सिंह ने कहा कि ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक मुक्त गांवों की दिशा में पंचायतों का योगदान प्रशंसनीय है। निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि पुरस्कृत पंचायतों ने सिद्ध किया है कि सामुदायिक भागीदारी और सतत मॉनिटरिंग से गांवों में स्थायी स्वच्छता मॉडल स्थापित किए जा सकते हैं।



