यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित, संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया जबकि बहुमत न होने से विपक्षी दलों का संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह घोषणा की।
राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर शनिवार को चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) और नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) पर जमकर प्रहार किया। योगी ने दो घंटा सात मिनट के अपने लंबे भाषण को समाप्त करते हुए सदन से धन्यवाद प्रस्ताव को पारित करने की अपील की।
विपक्षी दलों ने संशोधन पर जोर देना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बहुमत न होने की वजह से संशोधन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। धन्यवाद प्रस्ताव के पक्ष में सदस्यों का बहुमत होने से महाना ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने की घोषणा की।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद से चर्चा जारी थी। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने संशोधन प्रस्ताव रखा था।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा। आनंदीबेन पटेल ने सरकार की सराहना करते हुए कहा था कि सुशासन, सुरक्षा एवं विकास के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अपराध एवं भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ शांति एवं सद्भाव का वातावरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल होने के लिए भाजपा के 79, अपना दल (सोनेलाल) के चार, निषाद पाटी के पांच, सपा के 43, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के छह, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चार, कांग्रेस, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक-एक सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। उप्र की विधानसभा में कुल 403 सदस्य हैं।



