सांसद और अधिकारियों ने विकास योजनाओं की समीक्षा, जनहित में ठोस कार्रवाई का संकल्प

गौरव कुशवाहा
देवरिया। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता और सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर की सह-अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर जनपद की विकास योजनाओं, उनकी प्रगति और जनकल्याण से जुड़ी प्राथमिकताओं पर गहन समीक्षा की।
सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा कि जिले का विकास तभी संभव है जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष फोकस करते हुए कार्यों में गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा। वहीं सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर ने ट्रांसफार्मर प्रतिस्थापन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी और गन्ना भुगतान जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा चिन्हित समस्याओं और जरूरतमंद लाभार्थियों का सर्वे ईमानदारी से हो, यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, चिकित्सकों की तैनाती और कटान रोकने के लिए जरूरी कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने की मांग की।
बैठक में एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह, सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, रामपुर कारखाना विधायक सुरेंद्र चौरसिया, भाटपाररानी विधायक सभाकुंवर कुशवाहा, रुद्रपुर विधायक जयप्रकाश निषाद और बरहज विधायक दीपक मिश्रा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय समस्याओं पर प्रकाश डाला। बेसिक विद्यालयों के समायोजन, जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति, स्कूलों की चारदीवारी, सड़क मरम्मत, सीसीटीवी कैमरों की स्थापना जैसे मसलों पर गंभीर चर्चा हुई।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बैठक में दिए गए सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि दिशा समिति के निर्देशों का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़ा कोई भी मामला आगामी बैठकों में लंबित न रहे।
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय ने पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि करते हुए संचालित योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, सीएमओ डॉ. अनिल गुप्ता, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक डीआरडीए, मनरेगा उपायुक्त, विद्युत विभाग, पीडब्ल्यूडी, और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।