उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

सीएम योगी की प्रेरणा से आकांक्षी जनपदों में बदलाव की बयार बनी बेस्ट प्रैक्टिसेज

  • आकांक्षी जनपद बहराइच, श्रावस्ती और महराजगंज की बेस्ट प्रेक्टिसेज बनी मिसाल 
  • बहराइच में बी-2 बाजार,नेपीयर घास का उत्पादन और मल्टी लेवल फार्मिंग की हुई सराहना 
  • महाराजगंज जिले में मां पाटेश्वरी विला सिटी पुनर्वास योजना से लाभान्वित हो रहे हैं बाढ़ प्रभावित लोग
  • श्रावस्ती जिले में बुलावा दल का गठन और गूगल शीट पर अंकन ला रहा है स्कूली शिक्षा में बदलाव 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपदों में विकास की नई तस्वीर उभर रही है। प्रदेश के आठ आकांक्षी जनपदों में विकास के कई नवाचार अपनाए जा रहे हैं, जिन्हें बेस्ट प्रेक्टिसेज के तौर पर चिन्हित किया गया है। इनमें से बहराइच, महराजगंज और श्रावस्ती जैसे जनपदों में लागू बेस्ट प्रैक्टिसेज न केवल स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रही हैं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को भी बदल रही हैं। इन जनपदों में नवाचार, सामुदायिक सहभागिता और तकनीक के उपयोग से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिल है। नीति आयोग के मार्गदर्शन और स्थानीय प्रशासन की मेहनत से ये जनपद विकास के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।

बहराइच में रंग लाई बी-2 बाजार और मल्टी लेयर फार्मिंग की अनूठी पहल

प्रदेश के आकांक्षी जनपद बहराइच में  बांस-बेस्ड (बी-2) बाजार की एक अनूठी पहल को प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। जो बाजार स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां विशेष रूप से बांस के बने हस्तनिर्मित उत्पादों को बेच सकते हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के कौशल को भी बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, नेपियर घास का उत्पादन और मल्टी लेयर फार्मिंग (मचान विधि) के जरिए कट्टु वर्गीय कद्दू, लौकी और करेला जैसी फसलों की खेती ने किसानों की आय में वृद्धि की है। इसके अतिरिक्त जनपद के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और पतंजलि के बीच हल्दी खरीद के लिए हुए एमओयू ने स्थानीय किसानों को बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, परिणामस्वरूप उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

महराजगंज: मां पाटेश्वरी विला सिटी और विकास संकुल योजना

आकांक्षी जनपद महराजगंज में कई ऐसे नवाचार अपनाए गए हैं जो प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं। इनमें से बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए “मां पाटेश्वरी विला सिटी” पुनर्वास परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना के तहत बाढ़ से प्रभावित लोगों को न केवल सुरक्षित आवास उपलब्ध कराया जा रहा है, बल्कि उनकी आजीविका के लिए भी अवसर सृजित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, विकास संकुल योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं से जोड़ा गया है। यह योजना ग्रामीण जनता को बुनियादी सुविधाएं जैसे स्वच्छ पानी, बिजली और सड़क प्रदान कर रही है, जिससे उनके जीवन स्तर में प्रभावी सुधार हुआ है।

श्रावस्ती में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव ला रहे हैं नवाचार

आकांक्षी जनपद श्रावस्ती में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय पहल की गई हैं। प्रत्येक स्कूल में स्वच्छता कर्मियों की नियुक्ति से स्कूलों में साफ-सफाई का स्तर बेहतर हुआ है। साथ ही बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने के लिए “बुलावा दल” का गठन किया गया है, जो अभिभावकों और बच्चों को प्रेरित करता है। जिससे स्कूल में बच्चों की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही, गूगल शीट के जरिए बच्चों के लर्निंग आउटकम की निगरानी की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार देखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त जनपद की 215 एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) को सीएसआर फंड से स्कूटी प्रदान की गई है, जिससे वे ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से पहुंच कर स्वास्थ्य सेवाएं दे पा रही हैं। साथ ही पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) की स्थापना की गई है, जो नीति आयोग और भारत सरकार के सहयोग से कुपोषित बच्चों (सैम) के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बहराइच, महराजगंज और श्रावस्ती जैसे आकांक्षी जनपदों में लागू ये बेस्ट प्रैक्टिसेज न केवल स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रही हैं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा बन रही हैं।

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