पंजाबराज्य

जहाँ दूसरी सरकारों की जुबान से मिली चोट , वहीं मान सरकार ने दलित समाज को बनाया पंजाब का ‘गौरव’!” शिक्षा, रोज़गार और सम्मान से सशक्त हुआ दलित वर्ग!

पंजाब की मिट्टी में अनेक पीढ़ियों से ऐसे परिवारों ने मेहनत की, सपने देखे — लेकिन अवसर कम मिले। लेकिन समाज के कुछ वर्ग – विशेष रूप से अनुसूचित जाति (एस.सी.) – लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक असमानता का सामना करते आए हैं। इनकी तकलीफ़ें, सपने और उम्मीदें अक्सर सत्ता की भीड़ में खो जाती थीं। जब भगवंत मान सरकार ने पंजाब की बागडोर संभाली, तो उन्होंने सिर्फ़ शासन नहीं, बल्कि “सेवा” का वादा किया। उन्होंने कहा था – “सरकार जनता की होती है, और जनता में सबसे पहले वो लोग आते हैं जिनकी आवाज़ सबसे कम सुनी जाती है।” मगर मान सरकार ने यह प्रण लिया है: “किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा” और यही कारण है कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सरकार ने कई पहल-योजनाएं शुरू की हैं — आत्मविश्वास जगाने, आर्थिक आज़ादी दिलाने, सामाजिक सम्मान बहाल करने के लिए। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों के लिए जो काम किए हैं, वे सिर्फ सरकारी योजनाएं नहीं हैं, बल्कि ये लाखों परिवारों के दर्द को कम करने और उम्मीद जगाने का प्रयास है। इस सरकार ने दिल से काम करते हुए दिखाया है कि उनके लिए दलित समाज का विकास सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि सच्ची जिम्मेदारी है।

मान सरकार ने ऐसा ही एक ऐतिहासिक निर्णय लिया और पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम (PSCFC) से लिए गए ₹68 करोड़ तक के पुराने कर्ज माफ कर दिए गए। इस समुदाय के लगभग 4,727 परिवारों के लिए लगभग ₹67.84 करोड़ की कर्ज़ माफी की घोषणा की है। यह कदम सिर्फ़ आर्थिक राहत नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान और समानता की दिशा में एक मील का पत्थर है। वर्षों से आर्थिक बोझ तले दबे परिवारों के लिए यह निर्णय नई उम्मीद औरआत्मनिर्भरता का संदेश लेकर आया है। भगवंत मान सरकार ने यह साबित किया है कि सच्चा शासन वही है जो समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आंसू पोंछे, उनके जीवन में रोशनी और आत्मविश्वास जगाए। यह पहल दलित कल्याण को समर्पित एक संवेदनशील सरकार की पहचान बन चुकी है — जहाँ हर गरीब के चेहरे पर मुस्कान ही सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यह कदम सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि उन कई परिवारों की मुस्कान है, जिनके सिर पर कर्ज़ का बोझ था, जिनके सामने बाधाएँ थीं।

मान सरकार ने पंजाब के अनुसूचित जाति (एस.सी.) समुदाय की बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए “आशीर्वाद योजना” की भी शुरुआत की। यह सिर्फ़ एक आर्थिक मदद की योजना नहीं, बल्कि समाज के उन हिस्सों तक पहुँचने का माध्यम है, जिन्हें वर्षों तक अवसर और सम्मान से वंचित रखा गया। इस योजना के तहत एस.सी. वर्ग की बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सहयोग दिया जाता है, जिससे उनके सपनों को पंख मिलते हैं। भगवंत मान सरकार का यह कदम यह संदेश देता है कि हर बेटी समान हक़ और सम्मान की पात्र है, और समाज की प्रगति उसके सशक्त होने से ही संभव है। आशीर्वाद योजना के जरिए लाखों परिवारों के घरों में उम्मीद की नई किरण जगी है, और बेटियाँ अब न केवल शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज का गौरव भी बढ़ा रही हैं। विवाह-सहायता-योजना (“आशीर्वाद” योजना) SC समुदाय की बेटियों के विवाह के लिए-आय वाले परिवारों को प्रति लड़की ₹ 51,000 की सहायता दी जा रही है। यह सिर्फ राशि नहीं, बल्कि यह संदेश है — “हम तुम्हारी बेटी की खुशियों में साथ हैं, उसकी शादी-उमंग में साथ हैं।”

मान सरकार ने गरीब दलित बच्चों की पढ़ाई का बोझ माता-पिता के सिर से हटा दिया गया है। 2 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति (Scholarship) मिली है। अंबेडकर छात्रवृत्ति पोर्टल पर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 1,66,958 अनुसूचित जाति के छात्रों ने आवेदन किया है। इस योजना का उद्देश्य योग्य लेकिन आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि किसी भी छात्र को धन की कमी के कारण अपनी शिक्षा जारी रखने में कोई बाधा न आए।  चालू वित्त वर्ष के दौरान, 627 छात्रों को ₹14.95 लाख वितरित किए गए हैं, जबकि 19,244 छात्रों को ₹4.62 करोड़ जल्द ही जारी किए जाएँगे। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, राज्य सरकार ने 2,37,456 छात्रों के लिए ₹267.54 करोड़ जारी किए हैं, जो छात्र कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है | वर्ष 2025-26 के लिए लगभग ₹ 245 करोड़ का बजट रखा गया है, लगभग 2.70 लाख छात्रों को शामिल करने का लक्ष्य। आवेदन की संख्या भी बढ़ रही है — उदाहरणस्वरूप 1.66 लाख से अधिक छात्र आवेदन कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एस.सी.) समुदाय के छात्रों के लिए एक दूरदर्शी कदम भी उठाया है – पंजाब ओवरसीज़ स्कॉलरशिप स्कीम। सितंबर 2025 में घोषित इस योजना के तहत एस.सी. वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर मिलेगा, और इसके लिए पूरी वित्तीय मदद दी जाएगी – ट्यूशन फीस, वीज़ा, हवाई किराया, चिकित्सा बीमा और ₹13.17 लाख वार्षिक रखरखाव भत्ता।यह पहल केवल छात्रवृत्ति नहीं है, बल्कि दलित सशक्तिकरण की नई राह है। वर्षों से समाज के कमजोर वर्ग शिक्षा और अवसर के मोर्चे पर पिछड़े हुए हैं। मान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि काबिलियत और मेहनत के आगे कोई आर्थिक बाधा न रहे। इस योजना के जरिए पंजाब के युवा एस.सी. छात्र अपने सपनों को वैश्विक मंच पर उजागर कर सकते हैं और देश का नाम रोशन कर सकते हैं। SCSP (Scheduled Castes Sub-Plan) के अंतर्गत 2023-24 में लगभग ₹ 13,836 करोड़ के बजट को निर्धारित किया गया था, जिसमें कई योजनाएँ और खर्च शामिल थे।  यह आंकड़ा सरकार की उस जिम्मेदारी को दर्शाता है कि SC समुदाय को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है।

मान सरकार ने साबित किया है कि एस.सी. समुदाय के लिए कल्याण केवल घरेलू योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके सपनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने की क्षमता भी सरकार में है। यह कदम न केवल आर्थिक सहायता देता है, बल्कि आत्मविश्वास, सम्मान और सामाजिक समानता का प्रतीक भी है। आज पंजाब के दलित छात्र खुद को न केवल समाज का हिस्सा महसूस कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार हैं। यही मान सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीति की सबसे बड़ी सफलता है – जब नेतृत्व में हौसला और समानता हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं। पंजाब में भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने दलित समाज को मुख्यधारा में लाने और उनके विकास के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। मान सरकार में पांच कैबिनेट मंत्री एस.सी. समुदाय से हैं, जो अपने अनुभव और संवेदनशीलता के साथ योजनाओं को धरातल पर लागू कर रहे हैं। मान सरकार का संदेश स्पष्ट है – अब दलित समाज हाशिए पर नहीं, बल्कि विकास की धारा में है। एस.सी. कैबिनेट मंत्री समाज की जरूरतों को समझते हुए, हर योजना को सही दिशा में लागू कर रहे हैं। उनका उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं, बल्कि सम्मान, समानता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। इस तरह, मान सरकार में एस.सी. मंत्रियों की सक्रिय भागीदारी ने पंजाब के दलित समाज के लिए एक नई उम्मीद और उज्जवल भविष्य की राह खोली है।

मान सरकार ने दलित समाज को सिर्फ़ योजनाओं का लाभ नहीं दिया, बल्कि सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता – हर क्षेत्र में सुधार और योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंद तक पहुँचाया गया। उदाहरण के लिए, एस.सी. वर्ग के परिवारों के लिए कर्ज़ माफी, छात्रवृत्तियाँ, आशीर्वाद योजना जैसी पहलें उनकी जिंदगी बदल रही हैं। मान सरकार की यह सोच है कि हर दलित बच्चा पढ़े, हर युवक आत्मनिर्भर बने और हर परिवार गरिमापूर्ण जीवन जी सके। मान सरकार का लक्ष्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और न्याय के साथ विकास है।आज पंजाब के दलित परिवारों के चेहरे पर उम्मीद की चमक देखी जा सकती है। वे अब हाशिए पर नहीं हैं; वे विकास की धारा में पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह परिवर्तन सिर्फ़ आर्थिक नहीं, बल्कि समाज में सम्मान, आत्मविश्वास और सामाजिक न्याय का प्रतीक है। मान सरकार ने साबित कर दिया है कि जब नेतृत्व में संवेदना और हौसला हो, तो समाज के सबसे कमजोर वर्ग को भी मुख्यधारा में लाया जा सकता है। यह सशक्तिकरण की कहानी हर दिल को प्रेरित करती है और यह संदेश देती है कि पंजाब में अब हर दलित परिवार का भविष्य उज्जवल है। ये सब सिर्फ संख्या नहीं, ये विश्वास हैं और विश्वास की जड़ें गहरी होती हैं, जब उन्हें जमीन-पर ठोस रूप से महसूस किया जाए। इस तरह, मान सरकार की ये पहल केवल योजनाएँ नहीं — कल्पना का सच हैं। जहाँ एक था सपना, वहाँ आज एक अवसर खड़ा है। जहाँ डर था, वहाँ भरोसा बन रहा है|

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