पेट में दर्द व कमजोरी महसूस कर रहा है बच्चा, तो फौरन डॉक्टर से करें कन्सल्ट-IBD की हो सकती है समस्या
लखनऊ। पेट में दर्द, कमजोरी और मल में खून आना इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)यानी की आंतों में अल्सर के लक्षण हो सकते हैं। इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास रुक सकता है, समय पर इलाज न होने से आंतें फट भी सकती हैं। मौजूदा समय में आईबीडी बीमारी से ग्रसित मरीजों में 25 फीसदी मरीज बच्चे हैं। ऐसे में बीमारी को हल्के में न लें और समय रहते इसका इलाज शुरू करा दें। इस समय इस बीमारी की बॉयोलॉजिकल दवाईयां आ गई हैं। जो सीधे कोशिकाओं में जाकर असर करती हैं। जिससे 60 से 70 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं।
यह जानकारी एसजीपीजीआई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ.अर्घ्य सामंत ने दी है। वह रविवार को पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएन्ट्रोलाजी क्लीनिक के स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि आईबीडी के लिए पहले सामान्य इलाज होता था, लेकिन अब बॉयोलॉजिकल दवाईयों के कारण बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। यदि किसी बच्चे को पेट में दर्द, कमजोरी, मल में खून आने की शिकायत है, तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। देर होने पर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
कब्ज को अनदेखा करना बच्चों की सेहत पर पड़ सकता है भारी
वहीं इस अवसर पर कोलम्बो से आये डॉ. सामन राजेन्द्रजीत ने बताया कि बच्चों में कब्ज की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। जो उनके शरीर के विकास में बाधा बन सकती है। खास बात यह है कि 10 से 20 फीसद बच्चों में कब्ज की शिकायत होने पर सामान्य इलाज से वह ठीक नहीं होते। ऐसे बच्चों के इलाज में विशेष सावधानी की जरूरत होती है। यदि समस्या को नजरअंदाज किया जाता रहा तो बच्चे का पूरा भविष्य खराब हो सकता है। उसे जिंदगी भर दवाईयों का सेवन करना पड़ सकता है।