देशबड़ी खबर

‘रहें न रहें हम महका करेंगे…’ सुरों के एक युग की विदाई, अलविदा लता ताई; राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, भाई हृदयनाथ ने दी मुखाग्नि

‘सुर साम्राज्ञी’ लता मंगेशकर का मुंबई के शिवाजी पार्क  में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्रि दी. इसी के साथ सुरों के एक युग की विदाई हो गई. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवाजी पार्क पहुंचकर लता ‘दीदी’ को अंतिम श्रद्धांजलि दी. इस दौरान राजनीति, खेल, मनोरंजन जगत सहित देश की तमाम हस्तियों ने ‘सुरों की मल्लिका’ को श्रद्धांजलि अर्पित की. शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर, अंजलि तेंदुलकर, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए. शिवाजी पार्क में लताजी के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में लोग पहुंचे थे. सभी ने ‘स्वर कोकिला’ को नम आंखों से अंतिम विदाई दी. भारत रत्न लता मंगेशकर को तीनों सेनाओं की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

इससे पहले लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को उनके घर प्रभा कुंज से सेना के ट्रक से शिवाजी पार्क लाया गया. फूलों से सजे ट्रक में पार्थिव शरीर के साथ लता मंगेशकर की बहन और नामी गायिका आशा भोसले सहित उनके परिवार के कुछ सदस्य मौजूद थे. सेना, पुलिस जीप की सुरक्षा में ट्रक हाजी अली जंक्शन, वर्ली नाका, पोद्दार अस्पताल चौक, पुराना पासपोर्ट कार्यालय, सिद्धिविनायक मंदिर, कैडल रोड से होकर गुजरेगा और बाद में दादर के शिवाजी पार्क में पहुंचा. स्वर कोकिला लता ‘दीदी’ के निधन पर 6 और 7 फरवरी को दो दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है. रविवार और सोमवार को पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

PM मोदी, अमिताभ बच्चन समेत कई हस्तियों ने लता ‘दीदी’ को दी अंतिम विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन समेत राजनीतिक और फिल्म जगत की कई हस्तियों ने रविवार को मुंबई में स्वर कोकिला लता मंगेशकर को अंतिम विदायी दी. दादर इलाके के शिवाजी पार्क में मोदी ने मंगेशकर को पुष्पांजलि अर्पित की और पार्थिव शरीर को नमन किया. उन्होंने मंगेशकर परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वल्से पाटिल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, राज्य के मंत्री छगन भुजबल, सुभाष देसाई, मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर, मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, आमिर खान, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर, मधुर भंडारकर, गायिक अनुराधा पौडवाल, मीका सिंह, कैलाश खेर ने भी शिवाजी पार्क में मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी.

लता दीदी जैसी आत्माएं सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुर कोकिला ‘भारत रत्न’ गायिका लता मंगेशकर के निधन पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लता जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी-कभार वरदान की तरह मिलती हैं और उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है. प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में कहा, ‘लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया. उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा. फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं. वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं.’ मोदी ने कहा, ‘मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता. दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं. उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा हुआ है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला. मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा. मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. ओम शांति.’

लताजी भारत की चेतना का हिस्सा थीं: AR रहमान

मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उनके साथ गाने रिकॉर्ड किए और उनके साथ गाया तथा उनसे रियाज का महत्व सीखा. रहमान ने कहा, ‘यह हम सभी के लिए बहुत दुखद दिन है. लताजी सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, न केवल एक प्रतीक, बल्कि भारत की चेतना, भारतीयता, हिंदुस्तानी संगीत, उर्दू और हिंदी कविता का हिस्सा थीं. उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाए. हम सभी के लिए यह खालीपन हमेशा बना रहेगा.’

शब्दों में नहीं समा सकतीं लता : गुलजार

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रसिद्ध गीतकार गुलजार ने कहा कि वह एक चमत्कार हैं, जिन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता. भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए तो जैसे गीतकार का शब्द भंडार खाली हो गया था. समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में गुलजार ने कहा, ‘लताजी अपने-आप में करिशमा हैं और यह करिशमा हमेशा नहीं होता है और आज यह करिशमा मुक्कमल हो गया. वह चली गईं. वह चमत्कारिक गायिका थीं, जिनकी आवाज में चमत्कार था. उनके लिए विशेषण खोजना कठिन है. हम उनके बारे में चाहे कितनी भी बातें कर लें, वह कम होगा. उन्हें शब्दों में नहीं बांधा जा सकता.’

लता ‘दीदी’ ने 7 दशकों तक 36 भाषाओं में गीत गाए

स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था. उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36  भाषाओं में लगभग 25,000 से अधिक गीत गाए. उन्होंने ‘लग जा गले’, ‘मोहे पनघट पे’, ‘चलते चलते’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अजीब दास्तां है’, ‘होठों में ऐसी बात’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘पानी पानी रे’ जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया. भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई बार भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया. उन्हें वर्ष 2001 में देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया था.

92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस ली, ‘स्वर कोकिला’ के निधन से पूरा देश गमगीन

‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर का आज यानी रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वह पिछले काफी समय से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं. वह कोरोना से संक्रमित थीं. शनिवार की सुबह उनकी हालत फिर से बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. करीब 29 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहीं. देश के कोने-कोने में लता मंगेशकर के जल्द स्वस्थ होने के लिए यज्ञ किए गए, लेकिन फिर भी लता ‘दीदी’ जिंदगी की जंग जीत न सकीं और उन्होंने सुबह 8:12 बजे दुनिया को अलविदा कह दिया. स्वर कोकिला के निधन से पूरा देश गमगीन है.

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button