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UP Election 2022: विदेश से लौटी बेटी रुपाली को सपा ने दिया फतेहाबाद से टिकट

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र से सपा  प्रत्याशी घोषित होने के बाद से राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. वहीं, सपा ने फतेहाबाद विधानसभा से रूपाली दीक्षित (34) को अपना प्रत्याशी बनाया है. उम्मीदवार रूपाली दीक्षित ने यूके में स्नातकोत्तर और प्रबंधन की पढ़ाई पूरी की और दुबई में एक MNC कंपनी में काम किया और 2016 में अपने पिता अशोक के बाद आगरा में अपने घर लौटने से पहले दीक्षित और परिवार के 4 अन्य सदस्यों को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि जिसके बाद 2016 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा. रूपाली के सपा प्रत्याशी बन कर विधानसभा चुनाव में खड़े होने से इस सीट पर मुकाबला कड़ा हो गया है.

दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद विधानसभा से पहले राजेश कुमार शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन करीब 36 घंटे बाद ही प्रत्याशी बदल दिया और रूपाली दीक्षित को टिकट दे दिया. रूपाली दीक्षित ने बताया कि मैंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को तीन मिनट में कन्वेंस किया और विधानसभा से टिकट ले ली. फतेहाबाद विधानसभा पर जातिगत आंकड़ों को भी मैं बदल दूंगी और अपनी जीत दर्ज करूंगी. हालांकि उनके परिवार के सभी वरिष्ठ पुरुष सदस्य जेल में थे, इसलिए रूपाली ने उनके मामले को देखना शुरू कर दिया. कानूनी प्रक्रिया को समझने में कठिनाई होने के बाद, उसने आगरा विश्वविद्यालय में एक कानून पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया और डिग्री प्राप्त की. इस बीच, वह स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में भी शामिल होने लगी थी.

पिता काट रहे हैं हत्या के मामले में आजीवन कारावास

बता दें कि रूपाली के पिता अशोक दीक्षित (75) और अन्य को 2015 में फिरोजाबाद में 2007 में एक सरकारी स्कूल शिक्षक सुमन यादव की हत्या में दोषी ठहराया गया था. वहीं, फिरोजाबाद के मूल निवासी अशोक के खिलाफ 3 हत्या के आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. जो अपने परिवार के साथ आगरा में शिफ्ट हो गया था, जो कोल्ड स्टोरेज का कारोबार करता है. वहीं, अशोक को 2007 में सुमन यादव हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है.

वेल्स यूनिवर्सिटी से पूरी की MBA की पढ़ाई

वहीं, सपा उम्मीदवार रूपाली दीक्षित के क्वालिफिकेशन की बात की जाए तो उन्होंने जयपुर के भारतीय विद्या भवन आश्रम से स्कूलिंग की है. इसके बाद सिंबोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से स्नातक पूरा किया. वहीं, मार्केटिंग के लिए MBA कार्डिफ वेल्स यूनिवर्सिटी से की और लीड यूनिवर्सिटी ऑक्साइड से MA पूरा किया है. इसके बाद, उसे दुबई में एक MNC कंपनी में नौकरी मिल गई और जनवरी 2016 में भारत लौटने से पहले तीन साल तक वहां काम किया.

कानून की डिग्री के लिए आगरा विश्वविद्यालय में लिया प्रवेश

गौरतलब है कि सपा प्रत्याशी रुपाली दीक्षित ने कहा कि मुझे पता था कि हमारे परिवार में कुछ गलत हो रहा है लेकिन किसी ने मुझे असली तस्वीर नहीं दी.समय बीतने के साथ, मुझे 2007 के मामले के बारे में पता चला. वहीं, जुलाई 2015 में, एक स्थानीय फिरोजाबाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया और मेरे पिता और 4 चाचाओं सहित 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके चलते कानून की डिग्री के लिए आगरा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया.

2017 में BJP प्रत्याशी के लिया किया था प्रचार-प्रसार

इस दौरान पिता अशोक दीक्षित बरेली सेंट्रल जेल में बंद है. वहीं, आगरा सेंट्रल जेल में बंद 62 वर्षीय उनके छोटे भाई अजय दीक्षित को छोड़कर, 2007 के मामले में अन्य सभी दोषियों को फिलहाल जमानत पर रखा गया है. जहां पर रूपाली ने फतेहाबाद की राजनीति में भी शामिल होना शुरू कर दिया. 2017 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र वर्मा के लिए प्रचार किया, जिन्होंने फतेहाबाद सीट से 34,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की। वर्मा ने स्वीकार किया कि रूपाली ने उनके लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था.

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