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हरियाणा में कांग्रेस ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन, अल्पमत सरकार को की बर्खास्त करने की मांग

कांग्रेस ने हरियाणा के राज्यपाल को एक ज्ञापन देकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत ‘अल्पमत’ सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक बी.बी.बत्रा, विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य में राजनीतिक स्थिति का उल्लेख किया गया है।

इस सप्ताह की शुरुआत में 3 निर्दलीय विधायकों ने नायब सिंह सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। कांग्रेस ने कहा कि एक अन्य निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कुछ साल पहले समर्थन वापस ले लिया था और वह मौजूदा हरियाणा सरकार के खिलाफ थे।

कांग्रेस ने ज्ञापन में कहा कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार विधानसभा में अल्पमत में आ चुकी है।

इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सैनी की अध्यक्षता में 15 मई को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक के एजेंडे की अबतक जानकारी नहीं दी गई है लेकिन बैठक पिछले कुछ दिनों से राज्य में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच हो रही है।

हरियाणा की विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं। दो सीट-करनाल और रानिया रिक्त हैं। भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं। इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। 6 निर्दलीय सदस्य हैं।

मुख्यमंत्री सैनी ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया कि सरकार ‘‘स्थिर थी, है और स्थिर रहेगी।

उन्होंने कहा कि कोई समस्या नहीं है। हमने 13 मार्च को विश्वास मत हासिल किया था। जहां तक 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने का सवाल है तो भी हमारी सरकार के पास बहुमत है।

कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। लोगों में भाजपा के प्रति जबरदस्त उत्साह है, जिसे देखकर ये तीनों भी पछताएंगे ही, बल्कि कुछ लोग हमसे संपर्क करने भी लगे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने गलती कर दी है।

ज्ञापन में कहा गया है कि मौजूदा सरकार ने वर्तमान सदन में अधिकांश विधायकों का विश्वास खो दिया है। बत्रा ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा परिदृश्य में पार्टी का सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम इस सरकार को बर्खास्त करने और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। हम लोगों के पास जाएंगे और उनका जनादेश मांगेंगे। इस परिदृश्य में हम सरकार नहीं बनाएंगे।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दो पन्नों के ज्ञापन में तीन निर्दलीय विधायकों सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलेन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) द्वारा समर्थन वापस लेने से उत्पन्न स्थिति का जिक्र किया है। तीनों निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे।

बत्रा ने कहा कि कांग्रेस ने राज्य की ‘अल्पमत’ सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लंगाने की मांग की है। उन्होंने राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की अपील करते हुए कहा कि इस (नायब सिंह सैनी की) सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह अल्पमत में आ चुकी है।

बत्रा ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस ने विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की और सरकार से सदन में विश्वास मत प्राप्त करने का निर्देश देने को कहा।

कांग्रेस ने राज्य में पैदा हुए राजनीतिक संकट के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए समय मांगा था।

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