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AMU की पहली महिला कुलपति बनीं प्रोफेसर नईमा खातून, चयन प्रक्रिया पर उठे थे सवाल

अलीगढ़: जिले के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के इतिहास में पहली बार कुलपति पद पर महिला की नियुक्ति की गई है. एएमयू की नई कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून को बनाया गया है. अभी तक उनके पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज विश्वविद्यालय के एक्टिंग वाइस चांसलर के रूप में काम कर रहे थे.

बता दें कि ऐसे समय में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की गई है. जब लोकसभा चुनाव 2024 द्वितीय चरण का मतदान 26 अप्रैल को पड़ना है. वहीं, भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन डिपार्मेंट, उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से 22 अप्रैल को जारी पत्र में कहा गया है की इस नियुक्ति से किसी भी तरह का पॉलिटिकल माइलेज पैदा नहीं होता है.

भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी प्रवीण सक्सेना की तरफ से एएमयू के रजिस्टर को पत्र भेजा गया है. वहीं, इस संबंध में प्रिंसिपल सेक्रेटरी नरेंद्र एन बुटोलिया की तरफ से भी पत्र भेजा गया है. यह पत्र 9 अप्रैल को जारी किया गया है, जिसमें मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन की तरफ से कुलपति नियुक्त किए जाने को लेकर एनओसी मांगी गई है, हालांकि यह भी कहा गया है कि इस संबंध में कोई पब्लिसिटी नहीं की जानी है.

बता दें कि काफी लंबे इंतजार के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति पर मोहर लगाई गई है. कुलपति नियुक्ति को लेकर मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था. डॉ. तारिक मंसूर के कुलपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद नये कुलपति के चयन के लिए चुनाव की मांग काफी समय से हो रही थी. वहीं, एएमयू की गवर्निंग बॉडी की बैठक में वोटिंग के आधार पर कुलपति पद के लिए तीन उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था. इन तीन उम्मीदवारों में डॉ. उरुज रब्बानी, फैजान मुस्तफा और प्रो नईमा खातून के नाम पर मोहर लगाई गई थी. इन तीन उम्मीदवारों में से एक कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रो. नईमा खातून भी शामिल हैं. इन तीन नाम को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जिसमें से किसी एक का चयन राष्ट्रपति द्वारा किया गया.

हालांकि, एएमयू एकेडमिक काउंसिल के प्रोफेसर ने गवर्निंग बॉडी पर सवालिया निशान उठाए थे, जिसमें यह कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा नईमा खातून का नाम शॉर्ट लिस्ट किया जाना उचित नहीं है. यह भी कहा गया कि मौजूदा कार्यवाहक कुलपति अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं इस चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा भी थी, जिसमें पूर्व कुलपति और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. तारिक मंसूर भी प्रथम पंक्ति में प्रधानमंत्री के साथ बैठे थे. यह पहली बार है जब एएमयू के पूर्व कुलपति प्रधानमंत्री के साथ जनसभा में साथ में थे. हालाकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. तारिक मंसूर मंच से कुछ बोले नहीं थे.

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