ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww से जुड़े सत्य नडेला, निवेशक और एडवायजर के तौर पर किया ज्वॉइन
ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) के फाउंडर ललित केशरे ने शनिवार को कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला कंपनी के साथ निवेशक और सलाहकार के तौर पर जुड़ गए हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि ग्रो को दुनिया के सबसे अच्छे सीईओ में से एक निवेशक और सलाहकार के तौर पर मिल गया है. अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा कि वे सत्य नडेला को भारत में वित्तीय सेवाओं को सुगम बनाने के उनके मिशन से जुडते देखकर खुश हैं.
पिछले साल अप्रैल में, ग्रो ने टाइगर ग्लोबल की अगुवाई में 83 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई थी. इससे कंपनी यूनिकॉर्न के क्लब में शामिल हो गई थी. अगले छह महीनों में, इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ने फंडिंग के नए राउंड में 251 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई, जिससे उसका वैल्युएशन तीन गुना बढ़कर 3 अरब डॉलर या करीब 22,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. Groww के अलावा बड़ी फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनियों जैसे रेजर पे और पाइन लैब्स की वैल्युएशन भी पिछले साल कई फंडरेजेज के जरिए बढ़कर क्रमश: 7.5 अरब डॉलर और 3.5 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
Groww gets one of the world’s best CEOs as an investor and advisor.
Thrilled to have @satyanadella join us in our mission to make financial services accessible in India.
— Lalit Keshre (@lkeshre) January 8, 2022
2016 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
इस कंपनी की शुरुआत साल 2016 में फ्लिपकार्ट के पूर्व कार्यकारी केशरे, हर्ष जैन, नीरज सिंह और ईशान बंसल और ने की थी. इसकी मदद से रिटेल निवेशक वेब और मोबाइल के जरिए वित्तीय प्रोडक्ट्स और सेवाओं को एक्सेस कर सकते हैं.
यूजर्स डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, ईटीएफ और आईपीओ में निवेश कर सकते हैं. कंपनी ने हाल ही में यूजर्स के लिए इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs), सॉवरेन बॉन्ड्स में निवेश करने की सर्विस लॉन्च की थी. इसके साथ कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर फ्यूचर्स और ऑप्शन्स को भी शुरू किया था. कंपनी कुछ सालों से अपने ग्राहकों के लिए अमेरिका में आधारित शेयरों में निवेश को पेश करने पर भी काम कर रही है.
पिछले साल अक्टूबर में, ग्रो ने कहा था कि उसके 20 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं, जिसमें से उसका 70 फीसदी आधार टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में मौजूद है.
इससे पहले मई 2021 में, ग्रो ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की म्यूचुअल फंड सब्सिडरीज के अधिग्रहण के जरिए अपने खुद के इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स बनाने की योजना को पेश किया था. इनमें इंडियाबुल्स एसेट मैनेजमेंट कंपनी और इंडियाबुल्स ट्रस्टी कंपनी शामिल थी. इन कंपनियों का उसने 175 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था.