“अमृतधर्मिता का महोत्सव कुम्भ और विकास के अवसर “ विषयक संगोष्ठी एवं काव्यपाठ का किया गया आयोजन

ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
प्रयागराज । भाषा विभाग ,उत्तर प्रदेश शासन के नियंत्रणाधीन उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा आयोजित
“अमृतधर्मिता का महोत्सव कुम्भ और विकास के अवसर “ विषयक संगोष्ठी एवं काव्यपाठ में बोलते हुये विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि महाकुम्भ सामाजिक समरसता और सदभाव का महाकुम्भ भी है। विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. मनोज कुमार ने कहा यह भाषाओं का भी महाकुम्भ है जिसमें अनेकानेक भाषाओं के बोलने वाले लोग आए और बिना किसी समस्या के सहभागी हुये। महाकुम्भ में हिन्दी तो केंद्रीय भूमिका में रही ही साथ में अन्य भारतीय भाषाएं भी केंद्र में रहीं ।तीर्थयात्रियों, पुलिसकर्मियों, विद्यर्थियों ने कई भाषाओं को सीखा और समझा।यूइंग क्रिश्चियन कालेज के प्रो. उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह महाकुम्भ अमृत महोत्सव है जहां देश के कोने कोने से आकर सबका धर्म, जाति और उद्देश्य केवल एक हो जाता है । यह अवसर शारीरिक , मानसिक ,बौद्धिक एवं आध्यात्मिक रूप से अपने को एक सीढ़ी ऊपर ले जाने का अवसर है। महाकुम्भ हमें भेदभाव मुक्ति के साथ सदाचरण में प्रवृत्त करता है।यही वास्तविक अमृत है । भौतिक उन्नति के साथ साथ आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति भी जरूरी है।
कार्यक्रम संयोजक उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान की डॉ. रश्मि शील ने महाकुम्भ को अमृत महोत्सव कहा और काव्यपाठ भी किया।उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक चेतना से जुड़ने को उपलब्धि बताया। साहित्यकार डॉ. माला शिल्पकार ने काव्यपाठ किया।कार्यक्रम संचालन यूइंग क्रिश्चियन कालेज के डॉ. गजराज पटेल ने किया।उन्होंने इस अवसर पर काव्यपाठ भी किया।कार्यक्रम महाकुम्भ मेला क्षेत्र में स्थित उच्च शिक्षा निदेशालय शिविर में संपन्न हुआ।निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अमित भारद्वाज ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रो. के. सी. शर्मा ने इस प्रकार के आयोजनों को जरूरी बताया।उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के निर्देशक विनय श्रीवास्तव और कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार के कुशल निर्देशन आयोजित इस संगोष्ठी में डॉ. तेज प्रकाश, डॉ. अरुण मिश्र सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और सुधी श्रोता उपस्थित रहे।