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चीतों के लिए कूनो पड़ रहा छोटा, 1 साल में 11 बार कूनो नेशनल पार्क से निकले बाहर

साउथ अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों के लिए मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क छोटा पड़ रहा है। जैसे ही चीतों को बाड़े से बाहर खुले मैदान में छोड़ा जाता है, तो ये खुले मैदान और खेतों की तरफ भागते हैं।

सालभर 11 बार ऐसा हो चुका है जब चीते कूनो से बाहर निकल गए हैं। चीते 100 से 150 किलोमीटर दूर तक जा रहे हैं। बता दें कि अभी वर्तमान में कूनो में 14 शावकों सहित 27 चीते हैं।

मार्च 2023 में पहली बार चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया था। तब पवन नाम चीता उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर पहुंच गया था। इस चीते ने ऐसा 4-5 बार किया है।

पवन श्योरपुर, करौली और शिवपुरी तक जा पहुंचा है, तो वहीं मादा चीता वीरा मुरैना और ग्वालियर तक जा चुकी है। मादा चीता आशा राजस्थान के बॉर्डर तक पहुंच गई है।

दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि अफ्रीका और नामीबिया के जंगलों का क्षेत्रफल 10 हजार वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है। जिसकी तुलना में कूनो नेशनल पार्क काफी छोटा है।

कूनो का क्षेत्रफल महज 1306 वर्ग किलोमीटर है। इसको लेकर कूनो के डीएफओ थिरूकुराल आर का कहना है कि चीतों का व्यवहार ही ऐसा होता है। उन्हें ज्यादा दूरी तक जाना पसंद है।

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