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पेपर लीक को लेकर शशि थरूर ने बनाया यूपी का मजाक, बीजेपी नेता ने बताई असली पहचान

कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर जमकर बवाल हो रहा है। इस पोस्ट में थरूर ने उत्तर प्रदेश का मजाक बनाने वाले मीम का समर्थन किया था। इसे लेकर बीजेपी नेता भड़क गए और थरूर पर जमकर निशाना साधा। हालांकि, थरूर का निशाना पेपर लीक पर था, लेकिन वह उत्तर प्रदेश की परिभाषा में खुद ही उलझ गए। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक्स पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें एक सवाल और एक जवाब था। हिंदी में सवाल था, “उत्तर प्रदेश किसे कहते हैं?” जवाब था: “वह प्रदेश जहां परीक्षा से पहले उत्तर का पता चल जाए, उसे उत्तर प्रदेश कहते हैं।”

शशि थरूर ने पोस्ट को “शानदार” बताया और “परीक्षा पे चर्चा” हैशटैग के साथ इसे शेयर किया। परीक्षा पे चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पहल है। इसके जरिए वह परीक्षा से पहले छात्रों से बात करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं। शशि थरूर ने इसी पर कटाक्ष किया। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनकी आलोचना की और कहा कि तिरुवनंतपुरम के सांसद की पोस्ट साथी भारतीयों को शर्मिंदा करने की बेशर्म राजनीति को दर्शाती है।

राजीव चंद्रशेखर को याद आए पित्रोदा

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी थरूर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “अन्य साथी भारतीयों को शर्मिंदा करने की बेशर्म राजनीति – जो कांग्रेस का तरीका है, जिसे इस स्वयंभू वैश्विक नागरिक ने कुशलतापूर्वक प्रदर्शित किया है।” चंद्रशेखर ने एक्स पर लिखा , “कुछ ही महीने पहले कांग्रेस के एक अन्य सदस्य “वैश्विक नागरिक” पित्रोदा ने भारतीयों को अफ्रीकी, चीनी, मध्य पूर्वी आदि बताया था। इस प्रकार की श्रेष्ठता की भावना कांग्रेस के डीएनए में गहराई तक समाई हुई है।”

हरदीप सिंह पुरी ने बताया यूपी का मतलब

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि थरूर ने इस तरह से पूरे राज्य को स्टीरियोटाइप, तुच्छ और हास्यास्पद बनाने का विकल्प चुना।” गंभीरता से, शशि थरूर क्या आप इस चर्चा को इस स्तर तक ले जाना चाहते हैं? उत्तर प्रदेश न केवल हमारी सभ्यता में अपने योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि इसने अनगिनत साहित्यिक हस्तियों, राजनीतिक दिग्गजों और सफल व्यक्तियों को भी जन्म दिया है। विडंबना यह है कि यह प्रथम परिवार का भी घर है, जिसे सभी कांग्रेस नेता नमन करते हैं। सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शिक्षित होने के विशेषाधिकार के बावजूद, मुझे आश्चर्य है कि आपने इस तरह एक पूरे राज्य को स्टीरियोटाइप, तुच्छ और व्यंग्यात्मक रूप से प्रस्तुत करने का विकल्प चुना। गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है, मेरे मित्र,” पुरी ने एक्स पर पोस्ट किया।

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