उत्तर प्रदेशबस्ती
सिपाही प्रदीप सिंह के कारनामों को लेकर आक्रोशित जनता ने खोला मोर्चा- सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि दोषी सिपाही पर कार्रवाई होगी- थानाध्यक्ष वाल्टरगंज को सांसद ने लगाई फटकार
ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
बस्ती। थाना वाल्टरगंज में तैनात सिपाही प्रदीप सिंह ने निरंकुशता की हदें पार कर दी जिसके कारण इलाके की जनता तथा जनप्रतिनिधियों ने सिपाही के निलंबन को लेकर मोर्चा खोल दिया है। एक दर्जन प्रधान और क्षेत्रीय ग्रामीण आज सांसद हरीश द्विवेदी के निवास पर मिले तथा सिपाही प्रदीप सिंह के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त करते हुए उसके निलंबन की मांग किया। जनाक्रोश को देखते हुए सांसद ने थानाध्यक्ष वाल्टरगंज को फोन पर फटकार लगाते हुए उन्हें. घटनाक्रम की वास्तविकता से तुरंत अवगत कराने का निर्देश दिया है। उसी क्रम में जनाक्रोश के चलते अध्यक्ष जिला पंचायत संजय चौधरी ने थानाध्यक्ष वाल्टरगंज को तलब किया। थानाध्यक्ष ने अध्यक्ष जिला पंचायत को आश्वस्त किया कि दोषी सिपाही पर लगे आरोपों की जांच करके कार्रवाई की जाएगी। मामला वाल्टरगंज थाना अंतर्गत बिछिया गांव के सब्जी विक्रेता सद्दाम को अकारण दुरा दुराग्रह भाव से सिपाही प्रदीप सिंह ने स्वयं थाने के हिस्ट्रीशीटर की मदद से गोवंश के गोश्त की उसके पिकअप से बरामदगी को नियोजित करते हुए उसके विरुद्ध धारा 3/5/8 गोवध निवारण अधिनियम का मुकदमा पंजीकृत कर उसे 4 मार्च. 2023 को जेल भेज दिया है।
सद्दाम के पिता मोहम्मद सिद्दीक ने आरोप लगाया है कि सिपाही प्रदीप सिंह ने गत वर्ष 15 जनवरी 2022 को तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय सिंह को विश्वास में लेकर सरैया गांव में घटित अप्राकृतिक दुष्कर्म की घटना में सद्दाम को फंसाने की योजना से उसे थाना वाल्टरगंज में ले जाकर उसका हाथ पेड़ से प्रदीप सिंह और दीनानाथ सिपाहियों ने पकड़ रखा था तथा थानाध्यक्ष विनय सिंह ने उसकी डंडों से पिटाई की थी। जिसकी लिखित शिकायत 17 जनवरी 2022 को एसपी दफ्तर पर आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक बस्ती से की थी। सिपाही दीनानाथ तो थाना वाल्टरगंज से हट गया लेकिन प्रदीप सिंह अपने रसूख के कारण अभी जमे हुए हैं।
सद्दाम के पिता मोहम्मद सिद्दीक ने बताया कि एक जमीन के लिए पहले लेनदेन हुआ था। भूस्वामी के मन में बेईमानी आ गई और अग्रिम धनराशि वापस नहीं कर रहा था। जिसकी पंचायत तत्कालीन थानाध्यक्ष ने ₹10 हज़ार लेकर कर दी थी। प्रदीप सिंह चुकी हल्का सिपाही थे इसलिए वह ₹16 हज़ार घूस के एवज में मांग रहे थे। उसी को लेकर सिपाही प्रदीप सिंह तरह-तरह से मुकदमे में फंसाने, मारने पीटने की धमकी देते रहते थे। गोवध अधिनियम की उक्त घटना सिपाही प्रदीप सिंह ने पुरानी रंजिश को लेकर नियोजित की वरना सब्जी बेचने वाले सद्दाम व उसके परिवार का दूर-दूर तक गोश्त काटने, बेचने का रिश्ता नहीं है। सद्दाम व उसके परिवार की जन विश्वसनीयता ही है कि एक सिपाही की दुस्साहस और निरंकुशता को लेकर जनाक्रोश सड़क पर उतर आया है। सद्दाम का परिवार स्थानीय पुलिस से डरा हुआ है। अपने रिश्तेदारों के यहाँ छिपा हुआ है। पुलिस की तरफ से सफाई में किसी पक्ष से मिडिया को समाचार लिखने तक अवगत नहीं कराया गया है।