![पंजाब में जल्द ही की जाएगी 300 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती: गुरमीत सिंह खुडियां](https://khwazaexpress.com/wp-content/uploads/2024/06/3-8.jpg)
राज्य में पशु स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार 300 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह जानकारी पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी। कैबिनेट मंत्री ने अपने कार्यालय में विभाग की चल रही परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए बताया कि पंजाब लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पिछले 2 वर्षों में 326 पशु चिकित्सा अधिकारियों और 536 पशु चिकित्सा निरीक्षकों की भर्ती की है।
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सालयों में दवाइयों एवं उपकरणों की खरीद के लिए 93 करोड़ रुपये की कार्ययोजना भारत सरकार को प्रस्तुत की गई है।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को खुरपका-मुंहपका रोग (FMD) और रक्तस्रावी सेप्टीसीमिया के खिलाफ चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को 30 जून, 2024 तक पूरा करने के भी निर्देश दिए।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. रंजीव बाली ने मंत्री को निर्धारित समय सीमा में अभियान पूरा करने का आश्वासन देते हुए बताया कि अब तक एफएमडी और हैमरेजिक सेप्टीसीमिया के खिलाफ अभियान के तहत क्रमशः 78 प्रतिशत और 75 प्रतिशत पशुधन को कवर किया गया है।
किसानों को डेयरी फार्मिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डेयरी विकास विभाग द्वारा सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति वर्ग के लाभार्थियों को 33 प्रतिशत की वित्तीय सहायता प्रति पशु 70,000 रुपये की निर्धारित दर से प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 के दौरान 1,089 दुधारू पशुओं के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशुधन योजना के तहत गत 5 सप्ताह में पशुपालकों को 7200 दुधारू पशुओं के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है। जिसके तहत लघु/मध्यम दुग्ध उत्पादकों को एक से पांच दुधारू पशुओं का बीमा करवाने पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जा रही है, जबकि अनुसूचित जाति के किसानों को 70 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जा रही है।