
हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश में 3 नए आपराधिक कानूनों नामतः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन की तैयारियों की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भाग लिया।
प्रसाद ने कहा कि हरियाणा सरकार इन तीनों नए आपराधिक कानूनों को एक जुलाई, 2024 से राज्य में लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नए कानूनी ढांचे में सुचारू परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रसाद ने कहा कि सरकार जनता को नए कानूनों से परिचित कराने के लिए राज्य भर के सभी पुलिस स्टेशनों पर समारोह आयोजित करेगी।
परिवर्तनों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए लगभग 12,759 पुलिस कर्मियों (जांच अधिकारियों सहित), 250 विधि अधिकारियों और कई जेल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जेल विभाग इस दिशा में भी पूरी तरह से तैयार है। राज्य की सभी जेलों में उचित और पर्याप्त तकनीकी ढांचा मौजूद है, जिसमें करीब 300 डेस्कटॉप आसानी से उपलब्ध हैं।
वर्चुअल न्यायालय कार्यवाही के महत्व को समझते हुए, विभाग ने पहले ही जेलों और न्यायालय परिसरों में 149 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणालियां स्थापित कर दी हैं तथा 178 और प्रणालियां खरीदने जा रहा है।
इससे कैदियों की पेशी का एक बड़ा हिस्सा वर्चुअल माध्यम से संचालित किया जा सकेगा, जिससे अनावश्यक परिवहन में कमी आएगी और कार्यकुशलता में सुधार होगा।
प्रसाद ने कहा कि विभाग ने राज्य भर की सभी जेलों में ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है, जिससे चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सीधे हिरासत प्रमाण-पत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत करने की सुविधा होगी।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि सभी विभागों की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर-विभागीय समिति ने हितधारक विभागों की तैयारी का आकलन करने के लिए एक खाका तैयार किया है। सभी विभाग 15 जून, 2024 तक नोडल विभाग (अभियोजन विभाग) को कार्यान्वयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, डीजीपी जेल मोहम्मद अकील और गृह, जेल तथा विधि एवं विधायी विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।