देश

‘रेमल’ भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील, आधी रात तक पश्चिम बंगाल के तट पर दस्तक देने के आसार

कोलकाता/ नई दिल्ली। चक्रवात ‘रेमल’ भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और इसके रविवार आधी रात तक बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल के तटों पर दस्तक देने का अनुमान है। मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ के तटों पर पहुंचने पर 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और उनका वेग 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगा।

चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। मौसम कार्यालय ने बताया कि ‘रेमल’ उत्तर की ओर बढ़ रहा है और रविवार आधी रात तक मोंगला बंदरगाह के दक्षिण-पश्चिम के निकट सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपारा (बांग्लादेश) के बीच तटों को पार करने से पहले इसके और तेज होने की संभावना है।

चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं। कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल’ के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलाकर कुल 394 उड़ान प्रभावित होंगी।

कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन निलंबित रहेगा। चक्रवात रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इस दौरान 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और उनका वेग 110 किलोमीटर प्रति घंटे था।

यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है। मौसम कार्यालय ने पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में 26-27 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने चेतावनी जारी की है। असम और मेघालय में भी अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।

चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर तक की तूफानी लहर के कारण निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है। मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। पूर्वी रेलवे ने रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक सियालदह दक्षिण और बारासात-हसनाबाद खंड में ट्रेन सेवाओं को एहतियातन निलंबित कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप कई लोकल ट्रेन रद्द कर दी गईं।

दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी रविवार को कांडारी एक्सप्रेस और रविवार एवं सोमवार को दीघा से आने-जाने वाली कुछ रेल रद्द कर दी हैं। उत्तरी ओडिशा में बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिलों में 26-27 मई और मयूरभंज में 27 मई को भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तर बंगाल के जिलों कूच बिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में 28-29 मई को अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है।

इसके अलावा दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में बाढ़ आने और कमजोर संरचनाओं, बिजली एवं संचार लाइन, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को भारी नुकसान होने की चेतावनी दी है। प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है।

भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने समुद्र में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाए हैं तथा हल्दिया और पारादीप में मछली पकड़ने वाले पोतों और वाणिज्यिक पोतों को सतर्क कर दिया गया है। आईसीजी ने हल्दिया, फ्रेजरगंज, पारादीप और गोपालपुर में खोज और बचाव अभियानों के लिए आपदा राहत दलों के अलावा पोत और विमान भी तैयार रखे हैं।

राज्य एजेंसी के प्रयासों में समन्वय के लिए लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘कोलकाता पुलिस की 10 टीम शहर के 10 पुलिस प्रभागों में तैनात की गई है। ’’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल भी उन जिलों में जा रहे हैं जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है।

एनडीआरएफ ने कोलकाता, उत्तर 24-परगना, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24-परगना, हावड़ा और हुगली सहित कई जिलों में अपने दल एवं उपकरण तैनात किए हैं। चक्रवात से सुंदरबन मैंग्रोव वन के भी प्रभावित होने की आशंका है। सुंदरबन दुनिया के सबसे बड़े वनों में से एक है और अपने विविध जीव-जंतुओं के लिए जाना जाता है जिनमें पक्षियों की 260 प्रजातियां, बंगाल टाइगर और एस्टुरीन (खारे पानी के) मगरमच्छ एवं भारतीय अजगर जैसी अन्य संकटग्रस्त प्रजातियां शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश की सीमाओं पर 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला सुंदरवन जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र स्तर में वृद्धि, लवणता और भूमि कटाव की वजह से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से तीव्र हो रहे हैं और लंबे समय तक अपनी ताकत बरकरार रख रहे हैं। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी एस पाई के अनुसार, समुद्र की सतह के गर्म होने का मतलब अधिक नमी है, जो चक्रवातों के तीव्र होने के लिए अनुकूल है।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button