बीजेपी के खिलाफ आज से ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ पर संयुक्त किसान मोर्चा और राकेश टिकैत, दिल्ली में होगी प्रेस कांफ्रेंस
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आगामी विधानसभा चुनाव के पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी सक्रिय है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार है. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एसकेएम आज दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी के खिलाफ “मिशन उत्तर प्रदेश” की शुरुआत करेगा. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकत ने केंद्र सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए बजट को किसानों के साथ भारी धोखा बताया. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी का बजट कम कर दिया है, इससे लगता है कि सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं करना चाहती है.
आज आयोजित होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता डॉ दर्शन पाली, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, राकेश टिकैत, शिव कुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह और योगेंद्र यादव रहेंगे. मिशन उत्तर प्रदेश के पहले चरण में, एसकेएम आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. उसके बाद, एसकेएम के तहत किसान संगठन ‘नुक्कड़ सभा’ आयोजित करेंगे और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करेंगे.
सरकार फर्जीवाड़ा कर रही है: टिकैत
टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर खरीद का लाभ किसानों को तब होगा जब एमएसपी गारंटी कानून बन जाएगा, जिससे सस्ते में कोई व्यापारी नहीं खरीद पाएगा. ये सस्ते में खरीदते हैं और सरकार को एमएसपी पर बेचते हैं. किसानों को पैसा डीबीटी के जरिए खाते में डाले जाने पर टिकैत ने कहा कि यूपी के रामपुर जिले में 11 हजार फर्जी किसान बनाए गए. ये फर्जी किसान के नाम पर पूरे देश में बेच लेंगे. टिकैत ने कहा कि सब जगह फर्जीवाड़ा है. ये कंपनी से सिम खरीदते हैं, एक फोन करते हैं, उसका रजिस्ट्रेशन कराते हैं, और उन्हीं के खाते में पैसा जाएगा. एमएसपी गारंटी कानून बन जाएगा तो फर्जीवाड़ा रुक जाएगा, नहीं तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है एमएसपी के नाम पर, व्यापारी, अधिकारी और नेता ये सब मिले हुए हैं.
किसान संगठनों ने सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया
इस बारे में पिछले हफ्ते शुक्रवार को समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. “मिशन उत्तर प्रदेश” के तहत एसकेएम केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग उठाएगा. टिकैत ये कह चुके हैं कि, ”केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की हमारी मांग उनकी बर्खास्तगी के साथ ही खत्म होगी.” इससे पहले सोमवार यानी 31 जनवरी को किसानों ने एसकेएम के आह्वान के बाद देश भर के किसानों ने केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया.
एसकेएम ने एक बयान में आरोप लगाया कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्यपर एक समिति गठित करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामलों को वापस लेने सहित किसानों से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है. एसकेएम ने कहा है कि अगर सरकार अपने वादों से मुकरती रही तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
केंद्र ने वापस ले लिए थे तीनों कृषि कानून
गौरतलब है कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला था. सरकार द्वारा किसानों की मांग को मानने और छह अन्य पर विचार के लिए सहमति जताने के बाद बाद विरोध प्रदर्शन को पिछले साल नौ दिसंबर को स्थगित करने का फैसला किया गया.