रोजेदारों ने कौम व भारत के लिए मांगी दुआ
गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान का छठां रोजा अल्लाह व रसूल की याद में बीता। रोजादारों ने इबादतों के जरिए अल्लाह को राजी करने की कोशिश की। अल्लाह की खास रहमत बंदों पर उतर रही है। तेज धूप में भी रोजेदारों में गजब का उत्साह है। रोजेदारों ने अपने लिए, भारत के लिए गरीबों यतीमों, बेसहारा लोगों के लिए खास दुआ मांगी। बंदों ने नमाज पढ़कर, कुरआन की तिलावत कर, दरूदो सलाम पेश कर, तस्बीह फेर, सदका खैरात कर नेकियां बटोरी। इफ्तार-सहरी की रौनक बरकरार है। मस्जिद की सफें भरी नजर आ रही हैं। तरावीह की नमाज जारी है। बाजार गुलजार है। धूप की शिद्दत में भी रोजेदारों की इबादत में कोई कमी नहीं है।
मस्जिदों में रमज़ान का दर्स जारी है। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर के इमाम मौलाना असलम रज़वी ने बताया कि रमज़ान में हर आदमी अपनी रूह को पवित्र करने के साथ अपनी दुनियादारी की हर हरकत को पूरी तत्परता के साथ वश में रखते हुए केवल अल्लाह की इबादत में समर्पित हो जाता है। अमूमन साल में 11 महीने तक इंसान दुनियादारी के झंझावतों में फंसा रहता है लिहाजा अल्लाह ने रमज़ान का महीना आदर्श जीवनशैली के लिए तय किया है। मदरसा शिक्षक नवेद आलम ने बताया कि साल के बारह महीनों में रमज़ान का महीना मुसलमानों के लिए खास मायने रखता है। यह महीना संयम और समर्पण के साथ अल्लाह की इबादत का महीना माना जाता है। दुनिया के लिए रमज़ान का महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि अल्लाह ने इसी माह में हिदायत की सबसे बड़ी किताब यानी कुरआन शरीफ का दुनिया में अवतरण शुरू किया था।