उत्तर प्रदेशबलिया
मोटा अनाज अपनाना है, अपना रोग दूर भगाना है- डा० सुभाष चन्द यादव पूरी दुनिया में आज मोटे अनाजों को “सुपर फूड ” के रुप मं माना जा रहा है.
बलिया । राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र यादव ने बतासा है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार तथा राज्य पोषण मिशन उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार दिनांक 20/03/2023 से 03/04/2023 तक पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा हैं, जिसके अंतर्गत आयुर्वेद विभाग बलिया द्वारा मोटे अनाज के प्रयोग के विषय में सभी आमजन को जानकारी दी जा रही है। ज्ञात हो कि प्रमुख मोटे अनाजों में जौ,बाजरा,मक्का,चना,कोदो,साॅवा एवं रागी प्रमुख रुप से आते हैं।
डा० यादव ने आगे कहा है कि पूर्व के समय में इन्हें गरीबों का अनाज कह कर तिरस्कार किया जाता था , लेकिन आजकल यह बड़े-बड़े मॉल में काफी महंगे दामों पर बेचा जा रहा है ।मोटे अनाजो में मीलेट्स का ग्लायसिमिक इण्डेक्स बहुत कम होने से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए अमृत के समान लाभकारी होता है। वर्तमान समय में होने वाले लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स जैसेमधुमेह ,वातरक्त ,हृदय रोग, पीसीओडी ,थायराइड की बीमारियां काफी ज्यादा मात्रा में मिल रही । पीसी ओडी युवा स्त्रियों के अंडाशय में छोटी -छोटी गांठ जैसी बन जाती हैं , जिससे बांझपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। मोटे अनाजों को नियमित अपने आहार में शामिल कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है ।
डॉक्टर यादव ने यह भी बताया कि मोटे अनाजों में प्रोटीन, मिनरल्स एवं सूक्ष्मा पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं , इसीलिए पूरी दुनिया में इन्हें” सुपर फूड “के रूप में माना जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया हैं। मोटे अनाज पूरी तरह ऑर्गेनिक होते हैं क्योंकि इनके उत्पादन में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक आदि का प्रयोग नहीं किया जाता हैं, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है । साथ ही इन्हें उगाने वाले किसाभाइयों को भी लागत कम होने से अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियां मल्टीग्रेन आटा बाजार में काफी महंगे दामों पर बेच रही हैं। इन्हें घर पर भी बनाया जा सकता हैं। मोटे अनाज के आटे को गूथ कर गीले कपड़े से ढॅककर एक घंटे के लिए रख कर रोटी बनाने से इसकी रोटी भी मुलायम बनती है। सरकार की मंशानुरूप आयुर्वेद विभाग ,बलिया द्वारा चिकित्सालय पर आने वाले रोगियों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में जाकर इसके उपयोग एवं लाभ के बारे में जानकारी दिया जा रहा है।