टीकाकरण बढ़ाने और एमआर उन्मूलन में मदद करेंगे सीएचओ
- डबल्यूएचओ के सहयोग से दिया जा रहा प्रशिक्षण,साल के अंत तक मीजल्स रूबेला उन्मूलन का है लक्ष्य
बहराइचl साल के अंत तक एमआर यानि मीजल्स रूबेला बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त करने व नियमित टीकाकरण में सहयोग करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ( सीएचओ ) की भूमिका भी सुनिश्चित की जाएगी।इसके लिए डबल्यूएचओ के सहयोग से जनपद के एक स्थानीय रिज़ॉर्ट में सीएचओ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने साल के अंत तक तक मिजल्स रूबेला के उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है । इसके लिए ऐसे उपकेंद्र जहां एएनएम की नियुक्ति नहीं है वहां माह के प्रथम बुधवार को सीएचओ टीकाकरण का दायित्व निभाएंगेlइसके अलावा नियमित टीकाकरण की गुणवत्ता बढ़ाने में एएनएम व आशा का सहयोग करेंगे । इसके लिए उन्हें डबल्यूएचओ के सहयोग से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि मीजल्स यानि खसरा एक संक्रामक रोग है जो प्रभावित व्यक्ति के खांसने व छींकने से फैलता है । इस बीमारी से बच्चों में दस्त , निमोनिया और दिमागी संक्रमण जैसी जटिलताएं हो सकती हैं जिससे बच्चों की मृत्यु भी हो सकती है । खसरा के आम लक्षण जैसे तेज बुखार के साथ त्वचा पर लाल दाने व चकत्ते, खांसी, बहती नाक और लाल आंखे हैं। रूबेला के बारे में उन्होंने बताया कि इस वायरस के कारण बच्चे कई तरह की विसंगतियों के शिकार हो जाते हैं। जैसे अंधापन ( ग्लूकोमा, मोतियाबिन्द ) , बहरापन , कमजोर दिमाग ( माइक्रोसिफेली , मानसिक मंदता ) , जन्मजात दिल की बीमारियां , गर्भपात , अकाल प्रसव , मृत प्रसव व शारीरिक , मानसिक विकृति जैसी जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं । इन दोनों बीमारियों से बचाव के लिए 9 माह से 24 माह तक के बच्चों को मीजल्स रूबेला का टीका लगाया जाता है।
डबल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विपिन लिखोरे ने बताया कि दिसंबर 2023 तक मीजल्स रूबेला के उन्मूलन के लिए 95 फीसदी बच्चों को टीका लगाया जाना है । इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनपद के 243 सीएचओ को प्रशिक्षित कर सहयोग लिया जाएगा । उन्होंने बताया मीजल्स रूबेला का कोई विशेष इलाज नहीं है, बीमारी न हो इसका मात्र एक ही उपाय है कि 9 माह से 24 माह के सभी बच्चों को मीजिल्स और रूबैला का टीका लग जाय । उन्होंने बताया बच्चों को इस टीके की दो खुराक दी जाती हैं पहली खुराक 9 से 12 माह के बीच व दूसरी खुराक 16 माह से 24 माह के बीच लगाई जाती है। इस मौके पर यूनिसेफ़ की डीएमसी तहरीम सिद्दीकी, यूएनडीपी के बीसीसीएम राजकुमार, डीपीएम सरजू खान , डीसीपीएम मो0 राशिद , जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ निर्मेश श्रीवास्तव, डिप्टी सीएमओ डॉ पीके बांदिल , डिप्टी सीएमओ डॉ अनुराग वर्मा सहित सीएचओ मौजूद रहेl