आस्था के सैलाब का साक्षी बना बड़ी भुइयन माता मंदिर, 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ
लखनऊ। शंखों की तीव्र ध्वनियों के साथ मंत्रोच्चार के बीच आस्था के उमड़ते सैलाब का साक्षी शनिवार को बड़ी भुइयन माता मंदिर बना। अवसर था मंदिर परिसर में 11वें 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ के आयोजन का। दरअसल 108 फीट ऊंची धर्मध्वजा की आईआईएम रोड के सरौरा गांव स्थित बड़ी भुइयन माता मंदिर में शनिवार को अग्नि स्थापन के बाद यह भव्य धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हो गया है। तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि के सानिध्य व सकुशल आचार्यो व पुरोहितों के नेतृत्व में पूरे विधि विधान के साथ यहां 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ हुआ। वहीं 26 नवंबर को पूर्णाहुति के बाद 27 नवंबर को वार्षिक मेले व भव्य भंडारे के साथ यह धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगा।
इससे पहले यहां भव्य कलश यात्रा का आयोजन हुआ। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और चन्द्रिका देवी मंदिर में पूजन-अर्चन कर मां गोमती नदी से कलश में जल भर वापस मंदिर पहुंचे, जिसके बाद अग्नि स्थापना के साथ दस दिनों तक चलने वाले इस 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभांरभ हुआ। मुख्य हवन कुंड में अग्नि स्थापन के साथ ही यहां बने 108 हवनकुडों में पस्वी नागा साधु आनंद गिरि ने पूजन-अर्चन किया। नागा साधु आनंद गिरि के नेतृत्व में आचार्य-पुरोहितों व श्रद्धालुओं ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा भी की। देर शाम आरती के साथ पहले दिन पूजन-अर्चन कार्य संपन्न हुआ।
तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि ने बताया कि लोगों में सद्बुद्धि, सद् व्यवहार तथा धर्म का विकास ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि 19 नवंबर से रामलीला व कथा का प्रत्येक शाम आयोजन होगा। वहीं 26 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ यज्ञ संपन्न होगा। अगले दिन यानि 27 नवंबर को यहां भव्य भण्डारा के साथ वार्षिक मेले का भी आयोजन होगा। इसके साथ ही यहां दस दिनों तक चलने वाले इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान का समापन हो जाएगा।