हिजाब विवाद में हिंदू महासभा की एंट्री, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने और संस्थानों को मजहबी पहनावे से दूर रखने की मांग
कर्नाटक हिजाब मामले में अब हिंदू महासभा में कूद पड़ी है. हिंदू महासभा ने आज प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन अलीगढ़ के जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें उन्होंने मांग की कि किसी भी संस्थान को मजहबी पहनावे से दूर रखा जाए. हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ पूजा शकुन पांडे उर्फ अन्नपूर्णा भारती के नेतृत्व में आज हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा. आज दोपहर को इसी मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक बड़ा प्रदर्शन भी हुआ.
हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडे ने कहा कि जिस तरीके से हिजाब का मुद्दा कुछ राजनीतिक दलों द्वारा करवाया जा रहा है. यह हम लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए समान नागरिक संहिता की बात करें. क्योंकि समान नागरिक संहिता ही एकमात्र उपचार है. इस देश में इस तरीके की रूढ़ीवादिता को खत्म करने के लिए, मुस्कान जो बच्ची है वह हमारे लिए बेटी ही है लेकिन निश्चित तौर पर उसकी तालीम में कहीं ना कहीं कमी है. पूजा शकुन पांडे ने कहा कि यह जो कुरान को गलत तरीके से प्रजेंट कर रहे हैं, शैक्षिक संस्थान जो है वह सच्चे समरसता का स्वरूप है जहां पर बच्चों को सिर्फ शिक्षा दी जाती है.
शिक्षण संस्थान ही तय करेगा कि वहां पर क्या परिधान होना चाहिए
पांडे ने कहा कि जब शिक्षक मैनिपुलेट नहीं करता पड़ाने में कि हिंदू है कि मुस्लिम या किस जाति का है, तो ऐसे में परिधान अनुशासन का बहुत बड़ा हिस्सा है ऐसे में वह शिक्षण संस्थान ही तय करेगा कि वहां पर क्या परिधान होना चाहिए उसको सबको मान्य होना चाहिए, ये बहुत जरूरी है कि ये जो गलत तरीके से जो फैला रहे हैं. पूजा शकुन पांडे ने कहा कि शिक्षण संस्थान को ही तय करना चाहिए कि वहां पर क्या परिधान होना चाहिए और जो सब को मानना होना पड़ेगा. जब तक यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं होगा तब तक इसको लोकतांत्रिक कहना सही नहीं होगा.
हमें ऐसे लोगों से बचना है. यह बच्चों को गुमराह करके इस तरीके के इसयू क्रिएट करा रहे हैं. जो अननेसेसरी राजनीतिक मुद्दा बने. पूजा शकुन पांडे ने आगे कहा कि आज आप हिजाब की बात कर रहे हैं कल नमाज की बात करेंगे संस्थानों में, फिर आप शुक्रवार की छुट्टी मांगेंगे, फिर हलाला के लिए रूम की डिमांड करेंगे तो आपका कोई भरोसा नहीं है. यह शिक्षण संस्थान है यहां पर केवल और केवल अनुशासन चलेगा और शिक्षा चलेगी हमारा अनुशासन व डिसिप्लिन चलेगा. पूजा शकुन पांडे ने कहा कि शिक्षण संस्थान को राजनीति से दूर कर देना चाहिए वहां पर केवल एक ग्रुप होना चाहिए जो छात्रों की समस्या का निवारण करें.