3 फरवरी को सिराथू सीट से नामांकन करेंगे यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य
- खत्म हुआ इंतजार, सिराथू फिर बनायेगा सरकार
- 2012 में सिराथू से केशव पहली बार बने थे विधायक
- 2022 में केशव को फिर सदन भेजने को बेताब है सिराथू
- डिप्टी सीएम को अब सीएम बनते देखना चाहता है सिराथू
कौशम्बी। सिराथू में इस समय उत्सव जैसा माहौल है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां से गुरुवार यानी 3 फरवरी को नामांकन करने जा रहे हैं। जब सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव लड़ने की घोषणा हुई है तब से लोगों में गजब का उत्साह दिख रहा है। आपको बताते चलें कि सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य 2012 में पहली बार विधायक बने थे। 2014 में वे फूलपुर से सांसद चुने लिए गए। 2017 में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया। 2022 में भी केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से फिर चुनाव में उतरे हैं।
सिराथू विधानसभा क्षेत्र के कड़ाधाम में मां शीतला धाम का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां ख्वाजा खड़ग शाह बाबा की मजार भी मौजूद है। कड़ा में ही संत मलूकदास का आश्रम है। गंगा नदी के किनारे जयचंद का किला स्थित है। सिराथू विधानसभा सीट से 1962 में कांग्रेस के हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत दर्ज की थी। वहीं 1989 और 1991 में यह सीट सुरक्षित श्रेणी में कर दिया गया। 1993 से लेकर 2007 तक इस विधानसभा सीट पर बीएसपी के प्रत्याशियों की जीत दर्ज की। 1993 में पहली बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राम सजीवन निर्मल ने इस सीट को जीतकर पार्टी का गढ़ मजबूत किया। इसके बाद 1996 में सतीश चंद्र सोनकर ने पार्टी से जीत दर्ज की। वहीं 2002 में भी बीएसपी के सतीश चंद दोबारा विधायक चुने गए।
2007 में बसपा के वाचस्पति ने जीत दर्ज की। बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व विधायक मनीष चंद सोनकर दूसरे स्थान पर रहे। 2012 में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और पार्टी के कद्दावर नेता केशव प्रसाद मौर्या ने जीत दर्ज की। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी आनंद मोहन को 9863 मतों के अंतर से हरा दिया। इस चुनाव में केशव प्रसाद मौर्या को 57926 मत मिले थे।
एक नजर में
- कुल मतदाता – 340007
- पुरुष मतदाता – 194942
- महिला मतदाता – 145053
- वर्तमान विधायक- केशव प्रसाद मौर्य
- पार्टी- बीजेपी