यूक्रेन और रूस (Ukraine-Russia) एक लंबी लड़ाई में उलझे हुए हैं. मॉस्को (Moscow) यूक्रेन (Ukraine) के साथ लगने वाली सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती कर रहा है. इन सब के बीच में यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र फंस गए हैं. ये छात्र हैदराबाद के रहने वाले हैं. इन छात्रों का कहना है कि वे अपनी पढ़ाई युद्ध जैसे हालात के बीच नहीं करना चाहते हैं. फिलहाल ये लोग आने वाले सेमेस्टर के लिए अपनी पढ़ाई में जुटे हुए हैं. यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है और ऐसा लगने लगा है कि यहां कभी भी युद्ध छिड़ सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे सोहेल मोहम्मद ने कहा, हमें नहीं मालूम है कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि हमारी पढ़ाई प्रभावित हो. हमें सूचित किया गया है कि हमारा अगला सेमेस्टर 1 फरवरी से शुरू होगा. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 200 कॉलेज छात्र यूक्रेन में अपनी रिसर्च कर रहे हैं. कॉलेज के छात्रों ने कीव (Kyiv) में भारतीय दूतावास (Indian embassy) में अपना पंजीकरण कराया है. यूक्रेन में अपनी दवा की पढ़ाई कर रहे धीरज ने कहा कि अगर स्थिति खराब हुई तो दूतावास उन्हें देश से सुरक्षित बाहर भेज देगा.
भारतीय दूतावास ने ली छात्रों की जानकारी
दूतावास के अधिकारियों ने छात्रों से नाम, उम्र, लिंग, पासपोर्ट संख्या, यूक्रेन में स्थान और भारत में वे जिस राज्य के रहने वाले हैं, जैसे विवरण देने को कहा था. यूक्रेन और भारत में उनके कॉन्टैक्ट नंबर लिए गए हैं. छात्रों से कहा गया कि वे जिस कॉलेज में पढ़ रहे हैं, उसकी जानकारी दूतावास को दी जाए. दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक, यूक्रेन के विभिन्न यूनिवर्सिटी में करीब 18,000 भारतीय छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.
छात्रों ने मौजूदा हालात पर क्या कहा?
सोहेल के भाई हसीब मोहम्मद ने कहा, जब मैंने अपने भाई को फोन किया, तो उसने मुझे बताया कि निप्रो शहर में माहौल शांतिपूर्ण है. इस शहर में वह रहकर पढ़ाई कर रहा है. लेकिन जब मैंने खबरें देखी तो मैंने उसे समझाया कि क्या चल रहा है और उसे अलर्ट रहना चाहिए. फिलहाल उसने भारतीय दूतावास में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. इविव क्षेत्र की रहने वाली ज्योति ने कहा कि फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन उन्हें फार्म भरने को कहा गया है. ज्योति ने कहा, यूक्रेन में भारत के कई छात्र हैं और अगर निकासी के लिए कोई आपात स्थिति आती है, तो हमें मालूम नहीं है कि इसे कैसे किया जाएगा.