सांसद वरुण गांधी बोले- लोन चुकाने के लिए गरीब बेच रहे शरीर के अंग
पीलीभीत: पीलीभीत में सांसद वरुण गांधी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत के भ्रमण पर पहुंचे वरुण गांधी ने इस दौरान तमाम गांव में जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित (MP Varun Gandhi on poverty) किया. वरुण गांधी एक बार फिर अपनी जनसभा में आक्रामक अंदाज में नजर आए. वरुण गांधी ने देश में उद्योगपतियों को लोन देने के बाद लोन माफी के मुद्दे पर हमला बोला.
वरुण गांधी ने मंगलवार को दौरे की शुरुआत करते हुए ललौरीखेड़ा ब्लॉक क्षेत्र के तमाम गांव में ताबड़तोड़ जनसभाओं को संबोधित किया. जनसभाओं के दौरान उन्होंने उद्योगपतियों को लोन देने के बाद लोन को माफ करने के मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा. वरुण गांधी ने कहा कि जब आम आदमी लोन लेने के लिए जाता है, तो उसे बैंकों के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. बैंक में बैठा आदमी लक्ष्मी दर्शन करने के बाद ही आम आदमी को चंद रुपए का लोन देता है.
गरीबी पर सांसद वरुण गांधी ने कहा कि वहीं देश में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को करोड़ों का लोन आसानी से मिल जाता है. बड़े-बड़े उद्योगपति जब लोन नहीं चुका पाते तो बैंक उन्हें लोन माफी की स्कीम देती है. वरुण गांधी ने कहा कि में दिल्ली में एक अखबार में पढ़ा कि एक किसान ने लोन चुकाने के लिए अपने शरीर का एक अंग बेच दिया. जबकि अखबार में दूसरी खबर छपी थी कि उद्योगपतियों का 70,000 करोड़ का लोन माफ हो गया.
पीलीभीत में कार्यक्रम के दौरान वरुण गांधी (MP Varun Gandhi in Pilibhit) ने कहा कि मेरी राजनीति आम आदमी के हक की लड़ाई की है. मैं अपने फायदे या नुकसान की बात नहीं सोचता. जब दिल्ली में किसानों ने अपने हक के लिए लड़ाई लड़ी, तो मैंने खुलकर उनका समर्थन किया. मैंने नहीं सोचा कि इससे मेरा नुकसान होगा या फायदा. वरुण गांधी ने कहा कि आज देश में दो हिंदुस्तान हैं.
एक हिंदुस्तान पैसे वालों का है, जबकि दूसरे हिंदुस्तान में रह रहे लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. वरुण गांधी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश में आजकल अधिकांश नौकरियां सरकारी विभागों में संविदा पर निकली जा रही हैं. इन संविदा की नौकरियां को निकाल कर सरकार पैसा बचाना चाहती है. उस पैसे का इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए मुफ्त में आटा दाल चना बांटने में करना चाहती है. वरुण गांधी ने कहा कि आटा, दाल, चना नहीं, बल्कि जनता स्थाई रोजगार चाहती है.