दो सियासी घरानों के बीच मुकाबला, ये मुकाबला पार्टी के बीच नहीं : नवाब काजिम अली
रामपुर। उत्तरप्रदेश के सोमवार को दूसरे चरण के चुनाव जारी हैं। इसमें सबसे दिलचस्प और हॉट सीटें में रामपुर विधानसभा की दो सीटें हैं, जहां पार्टी और दल के बीच नहीं बल्कि दो सियासी राजघरनों के बीच मुकाबला है, वो भी दो अलग-अलग सीटों पर। नवाबों के इस शहर में सियासी जंग में दो राजघरानों के बीच जंग की खूब चर्चा है। पूर्व मंत्री आजम खान और नवाब परिवार के बीच होने वाला मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। रामपुर शहर सीट पर मोहम्मद आजम खान और रामपुर के नवाब काजिम अली उर्फ नवेद मियां के बीच चुनावी लड़ाई है। वहीं, जिले की स्वार टांडा सीट पर आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और नवाब काजिम के बेटे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां मैदान में हैं।
यानी रामपुर की दो सीटों पर दो पिताओं और दो बेटों की जंग है। नवेद मियां कांग्रेस के टिकट पर मैदान में है तो उनका बेटा हैदर अली अपना दल (एनडीए) के उम्मीदवार है। लेकिन इन दो सियासी घरानों की शाही जंग में रामपुर वासियों को अलग ही रंग देखने को मिल रहे है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में सबसे अमीर प्रत्याशी रामपुर के नवाब खानदान के नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां हैं, जिनकी कुल संपत्ति 296 करोड़ रुपये है। नवेद मियां इस बार रामपुर सीटी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं, जो सपा के कद्दावर सांसद आजम खान के सामने चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने आईएनएस से बातचीत में कहा ये लड़ाई राजघरनों के बीच मुकाबला है।
पेश है नवाब काजिम अली उर्फ नवेद मियां से बातचीत के कुछ अंश-
- सवाल – क्या आपको लगता है कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की जमीन मजबूत हो रही है। कांग्रेस पार्टी इस बार पहले से बेहतर प्रदर्शन करेगी?
जवाब- देखिए मुझे पूरे उत्तरप्रदेश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। हां मैं रामपुर के बारे में बेहतर तरीके से बता सकता हूँ। क्योंकि मेरा जो दायरा है वह केवल रामपुर तक ही सीमित है। मुझे मेरी पार्टी ने रामपुर की जिम्मेदारी दी है। इसलिए यही मेरी प्राथमिकता है।
- सवाल-क्या आपको लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी रामपुर की सीट से एक कड़ा मुकाबला दे रही है। समाजवादी पार्टी और बीजेपी को?
जवाब- देखिए यहाँ शख्शियत का चुनाव होता है। हमारे परिवार से कोई भी लड़ेगा तो शख्शियत का चुनाव होगा। मैं स्वयं एक उम्मीदवार और बाकी सपा- बीजेपी केवल यही है यहां के समीकरण। यहां पार्टी नहीं घराने का मुकाबला है, शख्शियत का मुकाबला है।
- सवाल- क्या आपको लगता है कि बीजेपी के जो उम्मीदवार हैं उनको एक सत्तारूढ़ दल होने का एक फायदा मिल सकता है?
जवाब- सत्तारूढ़ दल का अगर फायदा मिलता तो कोई पार्टी अभी चुनाव नहीं हारती। ये पूरी तरह से जनता का फैसला होता है। मेरी ये जिम्मेदारी है कि रामपुर की जनता को एक बेहतर शासन प्रदान करें, क्योंकि मेरे पुरखों ने रामपुर शहर को बसाया है। हम एक बेहतर विकल्प बन कर सामने आए हैं। हम चाहते है कि स्थानीय लोग इस दलदल से बाहर निकल कर आएं। आजम खान के यहां होने से पिछले 42 साल से जनता परेशानी में है।
- सवाल- लोकल रामपुर के क्या मुद्दे हैं, क्योंकि कांग्रेस पार्टी तो महिला केन्द्रित वादे कर रही है। स्थानीय लोगों के लिए क्या काम करेंगे आप ?
जवाब- ये चुनाव जो मेरा है केवल लोकल मुद्दों पर ही आधारित है। मैं यहां के लोगों को रखकर काम करूंगा। लोगों को यहां रोजगार कि दिक्कत है। रामपुर देश की पहली रियासत थी जिसका हिंदुस्तान में विलीन हुआ था। हमारे दादा ने आजादी के बाद 52 फैक्ट्रियां लगाई थी। फैक्ट्री के मालिकों को, मुफ्त जमीन दी थी.. इस शर्त पर कि रामपुर के लोग उसमें नौकरी करेंगे। आज वो बंद है- अब मैं चाहता हूँ उन्हें शुरू किया जाए, ताकि लोगों को रोजगार मिल सकें। आजम खान जब पहली बार मंत्री बने तो उन्होंने पहली हड़ताल रजा टेक्सटाइल में कराई जहां 1800 लोग नौकरी करते थे। इसी तरह कि अन्य फैक्ट्रियों में भी करीब 6-7 हजार लोग काम करते थे इस तरीके से सारी फैक्ट्री बंद करा दी। अब सिर्फ दो बची हैं। इससे बेरोजगारी बढ़ी है।
इसके साथ ही आरा मशीन और बिलिंग मशीनों पर निर्भर लोगों का कामकाज ठप पर दिया गया। बहुत से लोग समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने से बेरोजगार हो गए। अब मैं उन्हें फिर से शुरू कर रोजगार देना चाहता हूं।
- सवाल – आप लगातार समाजवादी पार्टी की बात कर रहे हैं आजम खान जेल से चुनाव लड़ रहें है। क्या लगता है आपको, क्या वो चुनाव जीत पायेंगे ? क्या वो अपनी सीट बचा पायेंगे।
जवाब- देखिए आजम एक अपराधी हैं, जेल में तो वहीं लोग होते हैं जिन्होंने अपराध किया है। वो कोई राजनीतिक बंदी तो हैं नहीं। वो अपने अपराध की वजह से जेल में हैं। वहाँ से वो चुनाव तो लड़ सकते हैं क्योंकि हर हिंदुस्तानी का ये संविधानिक अधिकार है लेकिन जनता को उनके जेल में रहकर चुनाव लड़ने से क्या फायदा होगा। जो इंसान अपनी हिफाजत नहीं कर सकता वो जनता की कैसे करेगा। ये सोचने की बात है।
- सवाल- आजम खान के बेटे और आप के बेटे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां स्वार टांडा सीट पर मैदान में हैं, क्या कहेंगे ?
जवाब- देखिये स्वार का मैं कुछ कह नहीं सकता हूं। क्योंकि मैंने राम पुर के बाहर अब तक कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि बाकी विधानसभा में क्या हो रहा है। मेरा फोकस मेरी अपनी विधानसभा में है सिर्फ इतना कहूंगा कि आजम खान के बेटे ने जब अपनी राजनीति शुरू की तो वो भी फ्रॉड और झूठ कि बुनियाद पर की जो अदालत में भी साबित हो चुका है। जो अपना राजनीतिक जीवन झूठ से शुरू करे वो जनता को क्या देगा।