विश्व गौरैया दिवस पर गौरैया बचाने का लिया गया संकल्प
- विलुप्त हो रहे गौरैया पक्षी का संरक्षण जरूरी: डॉ0 हरिओम मिश्र
कुशीनगर। विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर सोमवार को नयी दिशा पर्यावरण सेवा संस्थान द्वारा फाजिलनगर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय लवकुश परिसर में “गौरैया बचाओ कार्यक्रम” का आयोजन कर गौरैया बचाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये नयी दिशा के सचिव डॉ0 हरिओम मिश्र ने कहा कि हमारे घर आँगन में चहकने वाली गौरैया आज अपने आस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। एक समय था जब ये हमारे परिवार में सदस्य की तरह रहती थी लेकिन आधुनिकता की दौड़ में हम प्रकृति से दूर होते गये और इन्हें आश्रयहीन कर दिया। परिणामस्वरूप गौरैया विलुप्त होने की कगार पर है और इनका संरक्षण जरूरी है।
डॉ0 हरिओम ने कहा कि पेड़ पौधों को बचाकर, घरों के छत पर अनाज के दाने और पानी निश्चित स्थान पर प्रतिदिन रखकर हम गौरैया संरक्षण में सहयोगी बन सकते हैं। गौरैया अनेक हानिकारक कीड़ों और कृमियों का भक्षण कर प्रकृति संतुलन में सहायक है।शिक्षक राणा प्रताप मिश्र ने गौरैया की कम होती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रकृति के विनाश का संकेत है। जंगल ख़त्म हो रहे हैं, नदियाँ सूख रही हैं तथा वैश्विक तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है। हम प्रकृति के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हैं इसीलिए प्रकृति भी हमसे रुष्ठ हो रही है। गौरैया का संरक्षण वर्तमान समय की जरूरत है। गौरैया जिस घर में रहती है वहां वास्तु दोष नही उत्पन्न होता। इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका प्रियंका राय, अनूप राय, धर्मेंद्र कुमार, वेदव्यास पाण्डेय, अमित पाण्डेय, सोनू पाण्डेय, पिंटू प्रजापति, हरिकेश कुशवाहा, संदीप तिवारी इत्यादि उपस्थित रहे।