कौशांबी की बहू से है उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य का मुकाबला: सपा उम्मीदवार पल्लवी पटेल
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सैयद ताहिर रिज़वी
कौशाम्बी। सिराथू विधानसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पल्लवी पटेल ने बुधवार को खुद को “कौशाम्बी की बहू” बताते हुए बाहरी होने की बात को खारिज की और दावा किया कि भाजपा उम्मीदवार से स्थानीय लोग नाखुश हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन, अपना दल (कामेरावादी) से संबंध रखने वाली पल्लवी पटेल ने इस महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में केशव मौर्य के खिलाफ सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर नामांकन दाखिल किया है। प्रदेश में भाजपा और अनुप्रिया की पार्टी अपना दल (सोनेलाल) गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि पल्लवी, अनुप्रिया और अमल पटेल लोकप्रिय कुर्मी नेता सोनेलाल पटेल की बेटियां हैं। परिवार में मतभेद पैदा होने के बाद मां कृष्णा पटेल और अनुप्रिया पटेल अलग हो गए और दोनो ने अपनी-अपनी पार्टियां बना लीं।
अनुप्रिया पटेल का अपना दल (सोनेलाल) भाजपा की सहयोगी है और वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री हैं। वहीं, पल्लवी अपनी मां कृष्णा पटेल के साथ हैं, जिनका संगठन अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन की सहयोगी है। मां कृष्णा पटेल फिलहाल अपना दल (कामेरावादी) की प्रमुख हैं।
कुछ ही दिन पहले मौर्य ने जब अपना नामांकन भरा था तो अनुप्रिया शक्ति प्रदर्शन के लिए उनके साथ गयी थीं। लेकिन उनकी बड़ी बहन और सपा प्रत्याशी पल्लवी का मानना है कि उपमुख्यमंत्री को सीट पर कड़ी चुनौती मिलेगी क्योंकि स्थानीय लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं।
पल्लवी पटेल ने बताया, ‘‘मुझे लगता है कि वह (केशव मौर्य) यहां जनता का सामना कर रहे हैं, न कि विपक्षी उम्मीदवार (पल्लवी) का। इसलिए, यह वास्तव में यह लड़ाई उपमुख्यमंत्री और उनसे असंतुष्ट लोगों के बीच है। यहां के लोगों के लिए, मैं चेहरा हूं।’’
उनसे पूछा गया कि मौर्य ‘सिराथू का बेटा’ होने का दावा करते हैं, इसपर पल्लवी ने कहा, ‘‘मैं इस तथ्य से इनकार नहीं करती कि वह वहां (सिराथू का) के बेटे हैं, लेकिन मेरी शादी इसी जिले में हुई है, इसलिए मैं कौशांबी की बहू हूं।’’ कौशांबी विधानसभा सीट के लिए मतदान पांचवें चरण में 27 फरवरी को होना है।
उपमुख्यमंत्री पर हमला तेज करते हुए पल्लवी ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें ‘निकम्मा’ (बेकार) कहा था और मैं अब भी उस पर कायम हूं। मुझे अब भी विश्वास है कि उन्होंने यहां के लिए पर्याप्त नहीं किया है, जो उनसे अपेक्षित था।” उन्होंने कहा, ‘‘बेटियों और बहुओं को अब जिम्मेदारी उठाने आगे आना (समस्याओं को हल करने के लिए) होगा।’’
यह पूछे जाने पर कि उनकी बहन अनुप्रिया ने प्रतापगढ़ सीट से अपनी मां कृष्णा पटेल के खिलाफ अपनी पार्टी की उम्मीदवारी वापस ले ली है, पल्लवी ने कहा, ‘‘देखिए, मेरा मानना है कि अनुप्रिया ने अपना उम्मीदवार वापस नहीं लिया है। बल्कि उन्होंने वह सीट भाजपा के हिस्से में डाल दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर उनके मन में ‘माताजी’ के लिए इतना सम्मान है, तो उन्होंने अपने गठबंधन सहयोगी को वहां से उम्मीदवार खड़ा करने के लिए भी नहीं कहा होता। उन्होंने सम्मान के कारण अपना उम्मीदवार वापस नहीं लिया है। उन्होंने डर के कारण ऐसा किया है।’’
भाजपा पर हमला तेज करते हुए पल्लवी ने कहा, ‘‘भाजपा के लिए चुनाव से पहले हर कोई हिंदू हो जाता है और चुनाव खत्म होने के बाद उनमें से आधे दलित हो जाते हैं, जबकि बाकी पिछड़े हो जाते हैं। यही उनकी रणनीति है।” भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस बार लड़ाई ‘कामेरा’ (समाज के सभी वर्गों के दिहाड़ी मजदूर) और ‘लुटेरो’ के बीच है।’’
यह दावा करते हुए कि सपा गठबंधन इस बार 403 सदस्यीय विधानसभा में 300 से ज्यादा सीटें जीतने वाली है, पल्लवी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जिस तरह से पहले और दूसरे दौर का मतदान हुआ है, यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होने वाला है।’’
सपा उम्मीदवार पटेल ने योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में समाज के वर्ग विशेष को लाभ पहुंचा है।पल्लवी ने कहा, ‘‘वहीं, अखिलेश (यादव) एक दूरदर्शी नेता हैं, जो उत्साही हैं। उनके पास समाज के लिए रोडमैप है। वह अपनी ऊर्जा युवा पीढ़ी पर केंद्रित कर रहे हैं।’’
मुसलमान महिलाएं भाजपा को वोट दे रही हैं जिससे पहले और दूसरे चरण के मतदान में पार्टी को खूब लाभ हुआ है, प्रधानमंत्री मोदी ने इस दावे पर पल्लवी ने कहा, ‘‘वे झूठे दावे करने में विशेषज्ञ हैं।’’ उन्होंने सपा द्वारा जेल में बंद या जमानत पर चल रहे लोगों को टिकट दिए जाने के दावों को चुनौती देते हुए कहा कि गठबंधन सहयोगियों ने ‘सीटों और उम्मीदवारों की जांच-परख के बाद ही टिकट दिया है।’’
पल्लवी ने कहा कि भाजपा ऐसे उम्मीदवार भी उतार रही है, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है, ‘‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र में ही उपमुख्यमंत्री के खिलाफ कई आपराधिक रिकॉर्ड हैं। ऐसे में वह कैसे दावा कर सकते हैं कि वह संत हैं, और हम दोषी हैं?’’ अपनी मां या उनके उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना पर उन्होंने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं सोचा था, हमने केवल गठबंधन को आगे ले जाने के बारे में सोचा था, ताकि हम सरकार बना सकें, और हम उस ओर बढ़ रहे हैं।”