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किसान ट्रस्ट द्वारा ‘चौधरी चरण सिंह अवार्ड्स 2025’ का आयोजन

किसान ट्रस्ट द्वारा भूतपूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह की स्मृति में “चौधरी चरण सिंह अवार्ड्स 2025 (द्वितीय संस्करण)” का आयोजन नई दिल्ली में गरिमामय वातावरण में किया गया।

इस अवसर पर कृषि, सेवा, पत्रकारिता एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विशिष्ट शख्सियतों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माननीय जयंत सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह ने की। इस अवसर पर किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी चारू सिंह की विशेष उपस्थिति रही।

यह सम्मान समारोह चौधरी चरण सिंह की उस दूरदर्शी विचारधारा को समर्पित रहा, जिसमें किसान, गांव और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला माना गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों एवं संगठनों को सम्मानित करना रहा, जो अपने सतत प्रयासों से किसानों के हित, ग्रामीण सशक्तिकरण एवं जनकल्याण से जुड़े मुद्दों को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। इस वर्ष अवार्ड्स के द्वितीय संस्करण में एक नई श्रेणी ‘कृषि उद्यमी पुरस्कार’ की शुरुआत की गई। इस श्रेणी के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में नवाचार, उद्यमशीलता, व्यावसायिक दृष्टिकोण एवं टिकाऊ समाधान विकसित करने वाले एग्रीप्रेन्योर्स, एफपीओ एवं संस्थानों को सम्मानित किया गया।

किसान ट्रस्ट का यह प्रयास चौधरी चरण सिंह के विचारों को वर्तमान समय की जरूरतों से जोड़ते हुए ग्रामीण भारत को सशक्त दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस अवसर पर किसान ट्रस्ट द्वारा चौधरी चरण सिंह के साक्षात्कार के एआई वीडियो का प्रदर्शन भी किया गया।

किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह ने अपने स्वागत संबोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने किसानों को हकदार बनाया, दलितों-पिछड़ों को जमीन का मालिक बनाया और स्वाभिमान से जीने का हक दिया। इसलिए चौधरी साहब के न रहने का सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ।

अवार्ड समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मेरे साथी जयंत चौधरी में मुझे चौधरी चरण सिंह जैसी सादगी दिखाई देती है। आज चौधरी साहब के नाम के इस समारोह में मैं बड़ा आदमी बनकर नहीं बल्कि चौधरी साहब के चरणों में विनम्रता से प्रणाम करने आया हूँ। चौधरी साहब को गांव-गरीब-किसान अपनी उम्मीद के रूप में देखते थे। चौधरी साहब ने भी गांव-गरीब-किसान के उत्थान में कोई कसर नहीं छोड़ी।”

चौधरी साहब की राजनीतिक जीवटता को याद करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि, “जिस समय पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ बोलने का कोई साहस नहीं करते थे, तब चौधरी साहब ने उनके सहकारी खेती के विदेशी सिद्धांत का जमकर विरोध किया। गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित चौधरी साहब ने हिंडन नदी के किनारे जाकर नमक तोड़ा, जमींदारी प्रथा का उन्मूलन करके किसान को जमीन का मालिक बनाया, किसानों के हित में किसी के दबाव में झुके नहीं और एक कलम से लेखपाल का पद सृजित करके किसानों को ताकत दी।”

चौधरी चरण सिंह की दूरदर्शिता और राजनीतिक कौशल पर बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “आज जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो एनडीए देश का नेतृत्व कर रहा है, उसका बीज चौधरी चरण सिंह ने ही बोया था। चौधरी साहब के विचारों से प्रेरणा लेकर ही हमने वीबी जी राम जी में 100 के बजाय 125 दिन के रोजगार का प्रावधान किया और इससे गाँव की तस्वीर बदलने वाले काम होंगे। हमने किसानों की आवाज सुनकर ही खेती के सीजन में इस योजना को बंद रखने का निर्णय लिया है और अब जाकर ये योजना मजदूरों एवं किसानों दोनों के कल्याण के लायक बनी है। हमने स्पष्ट संकल्प लिया है कि हम किसानों के साथ बेईमानी नहीं होने देंगे।”

अवार्ड्स समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने ज्यूरी के सदस्यों का धन्यवाद एवं सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि, “जब किसान दिल्ली आते हैं, तो दिल्ली हिलाने आते हैं, मगर आज का दिन इस मायने में अलग है कि आज किसान चौधरी साहब की स्मृति में पुरस्कार देने दिल्ली आए थे और कृषि मंत्री शिवराज सिंह के हाथों इन पुरस्कारों का वितरण सभी विजेताओं के लिए गौरवशाली पल है।”

कृषि वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए जयंत चौधरी ने कृषि क्षेत्र में मौजूदा भारत सरकार के प्रयासों से अवगत कराया। इसी कड़ी में वीबी जी राम जी बिल को चौधरी चरण सिंह के विचारों के अनुरूप बताते हुए कहा कि, “चौधरी साहब ने काम के बदले अनाज योजना की शुरुआत की थी, जो आगे चलकर नरेगा बनी और अब किसानों की आशाओं के अनुरूप वीबी जी राम जी के रूप में सबके सामने है।”

केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि, “व्यक्ति को वन में संतुष्ट नहीं होना चाहिए। संतुष्टि आगे बढ़ने में बाधा होती है और मुझे उम्मीद है कि सभी पुरस्कार विजेता आज के बाद रुकेंगे नहीं बल्कि दोगुनी ऊर्जा से किसानों के हित में कार्य करेंगे। राजनीति में, सामान्य जीवन में अक्सर असुरक्षा की भावना होती है, मगर आदमी का दिल बड़ा होना चाहिए। इसलिए जीवन में सकारात्मकता होनी चाहिए।”

पुरस्कार विजेताओं ने चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पुरस्कार के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री चौधरी जयंत सिंह, किसान ट्रस्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया। किसान पुरस्कार के विजेता सत्यवान सहरावत ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के पदचिन्हों पर चलकर किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाकर ही विकसित भारत 2047 का सपना साकार हो सकता है।

कृषि उत्थान पुरस्कार के विजेता डॉ. देवेंद्र यादव ने कहा कि इस पुरस्कार के रूप में मेरे नाम के साथ किसानों के मसीहा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह का नाम जुड़ना मेरे लिए गर्व का विषय है। ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार है।

कृषि उद्यमी पुरस्कार हासिल करते हुए डॉ. जगदीश गुप्ता ने कहा कि ये पुरस्कार हासिल करके संस्थान गर्व महसूस करता है और संस्थान चौधरी चरण सिंह के सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की तरफ से सेवा रत्न पुरस्कार हासिल करते हुए रुक्मिणी बनर् ने कहा कि कृषि क्षेत्र से न होते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र में हमारे योगदान के लिए संस्थान को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम से पुरस्कार मिलना न केवल गौरव का विषय है बल्कि हमारे प्रयासों को इससे प्रेरणा भी मिलेगी।

कलम रत्न पुरस्कार के विजेता वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह ने कहा कि देश में जब भी किसान के अधिकारों की बात आती है, चौधरी साहब का नाम सर्वोच्च स्थान पर रहता है और रहेगा। चौधरी साहब के नाम से पुरस्कार मिलना मेरे लिए गौरव एवं भावुकता भरा पल है।

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