सिद्धार्थनगर
सरवर ने घर को छोड़ा सूना हुआ मदीना
सफरे इमाम हुसैन अस की याद में अमारी जुलजनाह अलम का जुलूस बरामद होकर करबला पहुंचा।
डुमरियागंज सिद्धार्थ नगर
डुमरियागंज क्षेत्र के उपनगर हल्लौर में इमाम बारगाह फरोगे अजा के अजाखने से सफरे इमाम हुसैन अस की याद में अमारी जुलजनाह अलम का जुलूस बरामद हुआ मजलिस को खिताब किया जमाल हैदर करबलाई ने उन्होंने कहा की इमाम हुसैन इब्ने अली को बय्यत तलब के लिए यजीद के हुक्म से वलीद ने दरबार में बुलाया फिर आका हुसैन से बय्यत लेने की कोशिश की मगर यजीद और यजीद के नुमाइंदे खूब जानते थे न अली ने बययत की थी ना अली इब्ने हुसैन बययत करेंगे क्योंकि हुसैन इब्ने अली की रगों में अली का खून है जब वलीद ने दरबार में बय्यत का सवाल रखा बैय्यत मांगी तो आका हुसैन ने कहा हुसैन जैसा यजीद जैसे की बैय्यत नही कर सकता ये जुमला तारीख के हवाले कयामत तक के लिए महफूज हो गया हुसैनी मिजाज रखने वाला यजीदी मिजाज रखने वाले से बययत नही कर सकता इसके बाद आका हुसैन ने नाना की मजार छोड़ा मा की लहेद छोड़ी भाई हसन की मजार पर गए और सबसे अलविदा कहा ये सुनते ही आजादारो की आखों से आसू बहने लगे । मजलिस के बाद जु लूस बरामद हुआ जो सड़क से होता हुआ इमाम बारगाह वक्फ शाह आलमगीर सानी पहुंचा जहां पर अजीम हैदर साहब किब्ला ने मजलिस को खिताब किया उन्होंने कहा कि आज 28 रजब को इमाम हुसैन मदीना से रवाना हुए सामान सफर तैयार किया गया रसूल के रौजे पर इमाम हुसैन गए इमाम हसन के रौज़े पर गए मां के रौजे पर गए और रुखसत हुए इमाम हुसैन ने जाते हुए कहा था कि ना तो मैं इकतेदार के लिए जा रहा हूं ना मैं हुकूमत के लिए जा रहा हूं बल्कि मैं नाना की उम्मत की इस्लाह के लिए जा रहा हूं।ये कह कर इमाम हुसैन ने मदीना को अलविदा कहा
मजलिस के बाद नफीस हल्लौरी हैदर हल्लौरी कामियब हैदर बबलू कायनात हल्लौरी ने नौहा पेश किया जिसपर दस्ते ने जमकर मातम किया। हटवा तड़वा तिलगड़िया जमौतिया सादात के लोगों ने भी शिरकत की जुलूस करबला जाकर खत्म हुआ।