इस साल देश के चीनी उत्पादन में आया 4.75 फीसदी का उछाल, कुल उत्पादन 115.70 लाख टन
देश का चीनी उत्पादन 2021-22 के चीनी सत्र की अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में 4.75 फीसदी बढ़कर 115.70 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है. राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ (NFCSFL) ने सोमवार को यह जानकारी दी. एनएफसीएसएफएल ने बताया कि 31 दिसंबर, 2021 तक करीब 491 मिलों ने 1,227.17 लाख टन गन्ने की पेराई की थी. यह आंकड़ा इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ऊंचा है.
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में अक्टूबर-दिसंबर में चीनी उत्पादन घटकर 30.90 लाख टन रह गया, जो इससे पिछले साल की समान अवधि में 33.65 लाख टन था. वहीं दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन बढ़कर 45.75 लाख टन पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 39.85 लाख टन था. वहीं कर्नाटक में उत्पादन मामूली बढ़कर 24.15 लाख टन से 24.90 लाख टन रहा.
गुजरात में भी चीनी उत्पादन बढ़ा
समीक्षाधीन अवधि में गुजरात में भी चीनी उत्पादन 3.35 लाख टन से बढ़कर 3.40 लाख टन पर पहुंच गया. आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड में भी चीनी उत्पादन में मामूली वृद्धि हुई. चीनी सत्र 2021-22 में उत्पादन 315 लाख टन रहने का अनुमान है. 2020-21 में यह 311.05 लाख टन रहा था.
चीनी की कीमतों में तेजी का इंतजार
इधर भारतीय चीनी मिलें निर्यात सौदों से पहले अभी वैश्विक स्तर पर चीनी कीमतों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रही हैं. उद्योग निकाय इस्मा ने सोमवार को यह जानकारी दी है. एक बयान में कहा गया है कि कच्चे चीनी की वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण पहले किये जा चुके 38-40 लाख टन निर्यात अनुबंधों से आगे पिछले एक महीने में चीनी के कोई खास निर्यात अनुबंध नहीं हुए.
6.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा, ‘‘चूंकि चालू सत्र के लिए अब भी लगभग नौ महीने बाकी हैं, इसलिए मिलें अभी भी आगे के निर्यात अनुबंधों के लिए उपयुक्त समय की प्रतीक्षा कर रही हैं.’’ चालू 2021-22 सत्र की अक्टूबर-नवंबर अवधि के दौरान, चीनी मिलों ने 6.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जो एक साल पहले की समान अवधि में तीन लाख टन से अधिक था.
47.50 लाख टन चीनी बेची
इस्मा ने कहा कि घरेलू बाजार में चीनी मिलों ने अक्टूबर-नवंबर के दौरान 47.50 लाख टन चीनी बेची, जबकि इसी अवधि के लिए सरकार ने 46.50 लाख टन बिक्री कोटा निर्धारित किया था. समीक्षाधीन दो महीनों के दौरान कुल चीनी उत्पादन 115.55 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 110.74 लाख टन था. गन्ना उत्पादक राज्यों में पेराई अभियान जारी है.