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गेहूं खरीद जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष 1 प्रतिशत भी नही

सरकार द्वारा जनपद में गेहूं खरीद के लिए खर्च करती है करोड़ों रुपए

गेंहू का दाम कम मिलने के कारण किसान नही दे रहे अपना गेंहू सरकारी केंद्र पर।

बस्ती। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने जनपद में कुल 115 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किए गए है। क्रय केंद्रों के लिए शासन ने 87 हजार मी0 टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित सस्ते गेंहू के दाम के कारण जिले में मात्र 249 किसानों ने महज 560 मी0 टन गेहूं की बिक्री कर पाई है। शासन के निर्देश पर जिले में 15 जून तक गेहूं की खरीद का समय दिया गया है।
गेंहू खरीद के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जनपद में 5 एजेंसियों को नामित करके 115 गेंहू क्रय केंद्र स्वीकृत किया गया था। वही देखा जाय तो सरकार गेंहू खरीद के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है। जिसका परिणाम देखा जाय तो वह जीरो है।

गेंहू खरीद के लिए नामित 5 एजेंसियों की खरीद का ब्यौरा –

खाद्य विभाग द्वारा 32 क्रय केंद्रों से 32 हजार लक्ष्य के सापेक्ष 128 किसानों से मात्र 361मी0 टन यानी 1.13 प्रतिशत गेहूं की खरीद कर पाई। वहीं पीसीएफ ने 57 केंद्रों से 42 हजार मी0 टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन मात्र 85 किसानों से 145 मी0 टन यानी की 1 प्रतिशत भी खरीद नही कर पाई है। वहीं यूपीपीसीयू द्वारा खोले गए 23 क्रय केंद्रों से 11 हजार मी0 टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि में 33 किसानों से 45मी0 टन ये भी 1 प्रतिशत भी खरीद नही कर पाई। वहीं कृषि उत्पाद मंडी समिति ने किसी भी किसानों से खरीद अभी तक नही कर पाई है। वही एजेंसी भा0खा0नि0 द्वारा खोले गए क्रय केंद्र से 1 हजार मी0 टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि मात्र 3 किसानों से लगभग 10मी0 टन ये भी 1 प्रतिशत भी खरीद नही कर पाई।

यह है किसानों की समस्या –
सदर तहसील के जसईपुर निवासी किसान राज कुमार शुक्ल ने बताया कि पहले तो सरकार जो खरीद मूल्य तय करती थी वो किसानों के लाभों को जोड़ कर किया जाता है इसलिए सब सरकारी केंद्रों पर अपना अनाज बेच देते थे और एक और समस्या था कि तुरंत किसानों का पैसा नही मिलता था। लेकिन अब सरकार जो खरीद मूल्य लगाती है वह किसानों के लागत मूल्य से बहुत कम है। इसलिए अब किसान अपना अनाज घर पर ही व्यापारियों के सरकारी मूल्य से काफी अधिक दामो में दे रहे है। इसलिए अब सरकार को निर्धारित मूल्य बढ़ाना चाहिए जिससे किसान सरकारी केंद्र पर दे सके।

एक नजर वित्तीय वर्ष पर –
गेंहू क्रय के जनपद में 3 वर्ष की अंतिम आंकड़े रिपोर्ट जिला खाद्य विपणन विभाग का देखा जाय तो गेंहू खरीद में लगातार काफी गिरावट आई है और स्थिति यह है की जीरो के नजदीक आ चुका है।
वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 84500 मीट्रिक टन का लक्ष्य था जिसमे लक्ष्य के सापेक्ष 17344 किसानों से 82096 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। इसी क्रम में घटने हुए वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 87000 मीट्रिक टन का लक्ष्य था जिसमे लक्ष्य के सापेक्ष 1258 किसानों से 6497 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद पर अटक गया। और वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 87000 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 1 प्रतिशत भी नही पहुंच पाई है।

क्या बोले अधिकारी –
जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय प्रताप सिंह का कहना है कि किसान सरकारी केंद्र पर कम मूल्य गेंहू का पा रहे है इसलिए गेंहू खरीद में काफी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए लक्ष्य के सापेक्ष मामूली खरीद हुई।

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